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03 दिसंबर 2022

स्टॉकिस्टों की सक्रियता से अरहर और उड़द तेज, चना एवं मसूर मंदी

 नई दिल्ली। बर्मा में लेमन अरहर के साथ ही उड़द की कीमतों में आई तेजी से स्टॉकिस्टों ने घरेलू बाजार में शुक्रवार को अरहर एवं उड़द के दाम तेज कर दिए, लेकिन बढ़ी हुई कीमतों में शाम के सत्र में मिलों की खरीद कमजोर हो गई। चना एवं मसूर की कीमतें में नरमी दर्ज की गई, जबकि मूंग के दाम लगभग स्थिर बने रहे।


बर्मा में स्थानीय व्यापारियों की नीचे दाम पर बिकवाली कमजोर होने से लेमन अरहर के साथ ही उड़द की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। सूत्रों के अनुसार बर्मा में उड़द एसक्यू और एफएक्यू की कीमतों में 10 से 15 डॉलर की तेजी आकर भाव क्रमश: 895 डॉलर और 805 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ हो गए। इस दौरान लेमन अरहर की कीमतों में 10 डॉलर की तेजी आकर भाव 850 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ हो गए।

गुजरात की राजकोट मंडी में आज 200 बोरी नई अरहर की आवक हुई तथा इसका व्यापार 7,000 से 7,700 रुपये प्रति क्विंटल क्वालिटी अनुसार हुआ। जानकारों के अनुसार नई अरहर में मिलों की खरीद कम देखी गई, वैसे भी नए मालों में नमी मात्रा आ रही है। माना जा रहा है कि चालू महीने तक गुजरात के साथ ही कर्नाटक एवं महाराष्ट्र की मंडियों में नई अरहर की आवक बढ़ेगी, साथ ही सूखे मालों की आवक ज्यादा होगा।

चालू सीजन में अरहर का उत्पादन अनुमान कम है, इसलिए स्टॉकिस्ट नई फसल की आवक के समय दाम तेज करना चाहते हैं, लेकिन एक तो अरहर दाल में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी कमजोर है। दूसरा हाजिर बाजार में नकदी की किल्लत है। साथ ही अफ्रीकी देशें से लगातार अरहर का आयात हो रहा है तथा इन देशों से आयातित अरहर की क्वालिटी हल्की है। इसलिए अरहर में बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।  

केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2022-23 में देश के दस राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा और महाराष्ट्र से 4 लाख टन मूंग की खरीद की मंजूरी दी हुई है, जिसमें से अभी तक केवल 24,000 टन मूंग की एमएसपी पर खरीद हो पाई है।

इसके अलावा सरकार ने चालू खरीफ सीजन में 2.94 लाख टन उड़द की एमएसपी पर खरीद को मंजूरी दी थी, लेकिन उत्पादक मंडियों में अच्छी क्वालिटी की उड़द के दाम एमएसपी से ज्यादा होने के कारण अभी तक खरीद शुरू नहीं हो पाई।

बर्मा में उड़द के दाम तेज होने से घरेलू बाजार में सुबह के सत्र में इसकी कीमतों में बड़ी तेजी आई, लेकिन शाम को चेन्नई में भाव कमजोर हो गए, जबकि दिल्ली और मुंबई में भी बढ़े दाम पर मिलों की खरीद कमजोर देखी गई। व्यापारियों के अनुसार उड़द दाल में दक्षिण भारत की मांग सामान्य की तुलना में कमजोर है, जबकि उत्पादक राज्यों की मंडियों में देसी उड़द हल्के, भारी मालों की आवक भी बराबर बनी हुई है।

दिल्ली में सुबह के सत्र में मध्य प्रदेश की मसूर के दाम तेज हुए थे, लेकिन बढ़े भाव में मिलों की खरीद कमजोर हो गई, साथ ही स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से शाम के सत्र मेें भाव नरम हो गए। वैसे भी आगामी दिनों में कनाडा के साथ ही ऑस्ट्रेलिया से आयातित मसूर ज्यादा मात्रा में आएगी, जबकि मसूर दाल में थोक के साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है। इसलिए इसकी कीमतों में हल्की नरमी और भी आ सकती है। हालांकि देसी मसूर की आवक उत्पादक मंडियों में पहले की तुलना में कम जरूर हुई है, लेकिन मिलर्स की मांग भी कमजोर है।

मूंग की कीमतों में दिल्ली में स्थिर हो गई हैं, व्यापारियों के अनुसार मूंग में दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही है, क्योंकि मूंग दाल में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है। प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में खरीफ मूंग की आवक अभी बराबर बन रहेगी। इसलिए मूंग की कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है।  

चना की कीमतें नरम हुई है। व्यापारियों के अनुसार चना में जहां नीचे दाम पर स्टॉकिस्टों की बिकवाली कमजोर है, वहीं मिलर्स भी जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रहे हैं। वैसे भी चना की कीमतों में तेजी, मंदी नेफेड की बिकवाली पर निर्भर करेगी। चना की बुआई चालू रबी में बढ़कर 79.82 हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 75.80 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी।

दलहन की बुआई चालू रबी में बढ़कर 112.67 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुआई 108.57 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

अन्य दालों में मसूर की बुआई चालू रबी में 13.38 लाख हेक्टेयर में, एवं मटर की 7.34 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले रबी सीजन में इस समय तक इनकी बुआई क्रमश: 13.27 और 7.98 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। उड़द की बुआई चालू रबी में 3.17 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुआई 3.23 लाख हेक्टेयर में हुई थी।

दिल्ली में बर्मा की लेमन अरहर के भाव में 150 रुपये की तेजी आकर दाम 7200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

इस दौरान चेन्नई में लेमन अरहर के भाव 150 बढ़कर 6900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

नीचे दाम पर दाल मिलों की मांग बढ़ने के कारण मुंबई में लेमन अरहर के भाव 50 रुपये तेज होकर 6900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर की कीमतें 50 से 150 रुपये तेज हो गई। सूडान से आयातित अरहर के दाम 50 रुपये तेज होकर भाव 7150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। तंजानिया की अरुषा अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर 5700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान मटवारा की अरहर के दाम 100 रुपये बढ़कर 5550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मोजाम्बिक लाइन की गजरी अरहर की कीमतें 100 रुपये तेज होकर 5650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान मलावी से आयातित अरहर के दाम 150 रुपये तेज होकर 4950 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

नीचे दाम पर दाल मिलों की मांग बढ़ने से दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू के भाव में 150 से 200 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7050 रुपये और 7750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

उड़द एफएक्यू की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

चेन्नई मेें सुबह के सत्र में उड़द के दाम तेज हुए थे, लेकिन शाम के सत्र में उड़द एसक्यू के दाम कमजोर हो गए। उड़द एफएक्यू के दाम हाजिर डिलीवरी के 50 रुपये तेज होकर 6,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस दौरान उड़द एसक्यू के दाम दिसंबर और जनवरी डिलीवरी के 25-25 रुपये कम होकर होकर भाव क्रमश: 7,325 रुपये और 7,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दाल मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में मध्य प्रदेश की मसूर की कीमतों में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान कनाडा की मसूर के दाम 6400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

हजिरा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के भाव 50 रुपये कमजोर होकर 6,150 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मुंद्रा बंदरगाह पर कनाडा की मसूर के दाम 50 रुपये घटकर 6100 से 6150 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें वैसल में 50 रुपये नरम होकर 6,250 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गई। कनाडा की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,350 से 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रही। ऑस्ट्रेलिया की मसूर की कीमतें कंटेनर में 6,500 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर स्थिर हो गई।

दाल मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम 25 रुपये कमजोर हो भाव 5100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मध्य प्रदेश लाइन के चना के भाव 5025 से 5050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

राजस्थान लाईन की मूंग के दाम दिल्ली में 7150 से 7200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। 

चालू पेराई सीजन में नवंबर अंत तक 47.9 लाख टन चीनी का उत्पादन

नई दिल्ली।  पहली अक्टूबर 2022 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2022-23 के पहले दो महीनों अक्टूबर 2022 से नवंबर 2022 अंत तक 47.9 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 47.2 लाख टन से थोड़ा ज्यादा है।


इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन, इस्मा के अनुसार देशभर में 434 चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 416 चीन मिलों में ही पेराई आरंभ हो पाई थी।

प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में नवंबर 22 अंत तक चीनी का उत्पादन 20 लाख टन का हुआ है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 23.3 लाख टन से कम है। इस दौरान उत्तर प्रदेश में 11.2 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है, जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में राज्य में 10.4 लाख टन से ज्यादा है।

अन्य राज्यों गुजरात में नवंबर 2022 अंत तक चीनी का उत्पादन 1.50 लाख टन, तमिलनाडु में 1.1 लाख टन और अन्य राज्यों में दो लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। पिछले साल की समान अवधि में इन राज्यों में क्रमश: 1.6 लाख टन, 50 हजार टन और 1.6 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। 

चालू रबी में गेहूं एवं दलहन के साथ तिलहन की बुआई 6.39 फीसदी आगे

नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में फसलों की बुआई में तेजी आई है। देशभर के राज्यों मेंं दो दिसंबर 2022 तक फसलों की कुल बुआई 6.39 फीसदी बढ़कर 450.61 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक 423.52 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। गेहूं एवं दलहन के साथ ही तिलहनी फसलों की बुआई में आगे चल रही है।


कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में 2 दिसंबर तक रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुआई बढ़कर 211.62 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 200.85 लाख हेक्टेयर में तुलना में आगे चल रही है।

चालू रबी में तिलहनी फसलों की बुआई बढ़कर 83.07 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 75.55 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुआई चालू रबी में बढ़कर 76.69 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 69.32 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। हालांकि मूंगफली की बुआई चालू रबी में घटकर 2.67 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक इसी बुआई 2.73 हेक्टेयर में ही हुई थी। सफ्लावर, सनफ्लावर और असली की बुआई क्रमशः 52 हजार, 48 हजार एवं 2.32 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है।

दलहन की बुआई चालू रबी में थोड़ी बढ़कर 112.67 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुआई 108.57 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुआई चालू रबी में 79.82 हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 75.80 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। अन्य दालों में मसूर की 13.38 लाख हेक्टेयर में, एवं मटर की 7.34 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले रबी सीजन में इस समय तक इनकी बुआई क्रमश: 13.27 और 7.98 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। उड़द की बुआई चालू रबी में 3.17 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुआई 3.23 लाख हेक्टेयर में हुई थी। मूंग की बुआई चालू रबी में 69 हजार हेक्टेयर में हो चुकी है।

मोटे अनाजों की बुआई चालू रबी में बढ़कर 32.63 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 29.02 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। रबी में मक्का की बुआई 8.98 लाख हेक्टेयर में और ज्वार की 17.87 लाख हेक्टेयर में तथा रागी की 36 हजार हेक्टेयर हो चुकी है। पिछले रबी सीजन की समान अवधि में इनकी बुआई क्रमश: 5.93 लाख हेक्टेयर में 18.11 लाख हेक्टेयर में और 28 हजार हेक्टेयर में ही हुई थी। जौ की बुआई चालू रबी में 5.30 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 4.57 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।

धान की रोपाई चालू रबी में 10.62 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के 9.53 लाख हेक्टेयर की तुलना में ज्यादा है।

चालू खरीफ में समर्थन मूल्य पर 326 लाख टन की हो चुकी है धान की खरीद

नई दिल्ली। चालू खरीफ विपणन सीजन 2022-22 में धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर खरीद 326.31 लाख टन की हो चुकी है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार 30 नवंबर 2022 तक 27.45 लाख धान किसानों को 67,219.88 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।


चालू खरीफ विपणन सीजन में पंजाब से 179.61 लाख टन धान की खरीद एमएसपी पर चुकी है, इसके अलावा हरियाणा से इस दौरान 58.82 लाख टन धान सरकारी एजेंसियों ने खरीदा है। छत्तीसगढ़ से चालू खरीफ में 23.28 लाख टन, तेलंगाना से 24.11 लाख टन एवं उत्तर प्रदेश से 12.40 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है।

चालू खरीफ विपणन सीजन 2022-23 में एमएसपी पर 771 लाख टन धान की खरीद होने का अनुमान है, जोकि पिछले साल खरीफ में हुई कुल खरीद 759 लाख टन से ज्यादा है।

अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश से 1.48 लाख टन, बिहार से 58,185 टन, गुजरात से 57,360 टन, हिमाचल प्रदेश से 11,863 टन, जम्मू-कश्मीर से 27,675 टन, पश्चिम बंगाल से 2,642 टन, केरल से 83,718 टन तथा तमिलनाडु से 7.96 लाख टन धान की एमएसपी पर खरीद हो चुकी है।

चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर के दौरान बासमती एवं गैर बासमती चावल का निर्यात बढ़ा

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान बासमती चावल के साथ ही गैर बासमती चावल के निर्यात में क्रमश: 11.41 और 6.03 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।


सूत्रों के अनुसार अप्रैल 2022 से अक्टूबर 2022 के दौरान बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 24.10 लाख टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 21.63 लाख टन का ही हुआ था। अक्टूबर में बासमती चावल का निर्यात 2.53 लाख टन का हुआ है।

गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के अप्रैल 2022 से अक्टूबर 2022 के दौरान 102.11 लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 96.30 लाख टन का हुआ था। गैर बासमती चावल का निर्यात अक्टूबर में 12.55 लाख टन का हुआ है।

उत्पादक मंडियों में बासमती चावल के साथ ही धान की कीमतें तेज बनी हुई है। जानकारों के अनुसार बासमती चावल में निर्यात मांग अच्छी है, जबकि उत्पादक मंडियों में पूसा 1,509 किस्म के धान की आवक पहले की तुलना में कम हुई है। हालांकि पूसा 1,121 एवं 1718 तथा 1,404 के साथ ही ट्रेडिशनल बासमती धान की आवक बराबर बनी हुई है। व्यापारियों के अनुसार  निर्यातकों की मांग को देखते हुए अभी धान एवं चावल की कीमतों में गिरावट की उम्मीद नहीं है।

पंजाब की मुक्तसर मंडी में बुधवार को धान की आवक 80,000 बोरियों की हुई तथा मंडी में पूसा 1,121 किस्म के धान के भाव 4125 रुपये, 1,401 किस्म के धान के भाव 4095 रुपये और 1718 किस्म के धान के भाव 3900 रुपये तथा पूसा 1,509 किस्म के धान के भाव 3700 रुपये प्रति क्विंटल रहे। हरियाणा की कैथल मंडी में ट्रेडिशनल बासमती धान के भाव 6275 रुपये, पूसा 1,121 किस्म के धान के भाव 4225 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

पूसा 1,121 बासमती चावल गोल्डन सेला का भाव 8300 रुपये और सेला चावल का बढ़कर 8000 से 8100 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। इस दौरान 1718 किस्म के स्टीम चावल का दाम 7800 से 8000 रुपये एवं इसके गोल्डन सेला चावल का 7,400 से 7600 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। पूसा 1,509 किस्म के सेला चावल का दाम 6900 से 7100 रुपये और इसके स्टीम चावल के दाम बढ़कर 7800 से 8000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।