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19 जून 2009

अब ढूंढ़ा जा रहा है सोने और पौराणिक गाथाओं के बीच संबंध

मुंबई June 18, 2009
सोने के खनन से जुड़ी बड़ी कंपनियों के फंड से चलने वाला संगठन वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) सोने और भारतीय पौराणिक गाथाओं के बीच संबंध ढूंढने की कोशिश में लगा है।
डब्ल्यूजीसी एक मशहूर लेखक डॉ देवदत्त पटनायक को सलाहकार के तौर पर नियुक्त करने के लिए विचार कर रही है ताकि वे आध्यात्मिकता के विचार को सोने के साथ संबंध जोड़ने के तरीके तलाश सकें।
डॉ पटनायक ने भारतीय पौराणिक गाथाओं पर कई किताबें लिखी हैं जिसमें 'दी बुक ऑफ राम' भी शामिल है। यह काउंसिल अक्टूबर से पटनायक को नियुक्त कर देगी। इस तरह का पहला विचार अप्रैल 2010 तक पेश किया जाएगा। आज सोने को एक परिसंपत्ति के तौर पर देखा जाता है जिसे लोग आभूषण के तौर पर पहनते भी हैं और भविष्य के लिए रखते भी हैं।
कीमतों की गतिशीलता पर भी इसका असर पड़ता है। लेकिन डब्ल्यूजीसी अब सोने के बारे में कीमतों से इतर होकर भी सोच रही है जहां पौराणिक संबंधों की वजह से इस महंगी धातु की बिक्री बहुत ज्यादा होगी।
डब्ल्यूजीसी, भारतीय उपमहाद्वीप के प्रबंध निदेशक अजय मित्रा का कहना है, 'यह विचार बेहद दमदार है। इस धातु के जरिए पौराणिक गाथाओं के तीन तरीके से दर्शाने की कोशिश की जाएगी। मसलन कहानी कहने, प्रतीक बनाने (जैसे त्रिशूल, ओम) और धार्मिक पूजा पाठ के जरिए इस उद्देश्य को पूरा किया जाएगा। हमारी कोशिश यह भी होगी कि अपने पूर्वजों द्वारा कहानी कहने और पूजा पाठ के तरीकों के अंतर को खत्म करेंगे।'
डब्ल्यूजीसी का लक्ष्य 35-40 साल के उम्र के लोगों को लक्षित करने का है जिनके पास पैसा है और वे इस तरह के सुख साधन वाली चीजों को खरीद सक ते हैं। इसका लक्ष्य ज्यादा आय वर्ग वाले लोगों जिनके पास महंगी वस्तुएं होती हैं उनको अपना ग्राहक बनाना है। इसके अलावा मध्य आय वर्ग के लोग जो मध्यम आकार के गहने तैयार कर सकते हैं उनको अपना लक्ष्य बनाना है।
यह काउंसिल देश भर के बड़े मंदिरों के ट्रस्ट के साथ भी काम करने की योजना बना रही है ताकि उनके मंदिर के देवी और देवताओं के लिए आभूषण तैयार किया जाए। इस काम को या तो वे खुद करें या फिर वे किसी स्थानीय निर्मार्णकत्ताओं को अपनी ओर से इस काम में लगा सकें। इस तरह का पहला विचार महाराष्ट्र या गुजरात के लिए आया है।
इसी तरह का विचार उत्तर में वैष्णो देवी स्थापन बोर्ड के लिए भी आया है। बहुत पहले से सोना आध्यात्मिक और भावनात्मक मजबूती का प्रतीक है। डॉ देवदत्त का कहना है कि ऐसे में अगर कोशिश की जाए तो सोने की बिक्री के लिए अपार संभावनाएं यहां मौजूद हैं। वह कहते हैं कि इसके गोपनीय मूल्य को ढूंढने की कोशिश की शुरुआत हो चुकी है।
भारत में तनिष्क ब्रांड के कई ग्राहक हैं, इसने हाल में ही 'गीता' पेंडेंट लॉन्च किया है जो समान भार वाले पेंडेंट के मुकाबले प्रीमियम पर बेचा जा रहा है। देश भर में सोने के आभूषणों के ग्राहकों द्वारा स्वीकार किया गया है। तनिष्क के मुख्य परिचालन अधिकारी सी के वेंकटरामन का कहना है, 'यह हमारा अपना मौलिक विचार है। इसीलिए हम प्रीमियम चार्ज कर रहे हैं। कुछ इसी तरह के विचारों की रूपरेखा तैयार की जा रही है और वह जल्द ही लान्च भी हो जाएगा।'
मित्रा का कहना है, 'अगर यह विचार सफल हो गया तो न केवल भारतीय पौराणिक गाथाओं के प्रति फिर से भरोसा बनेगा बल्कि इससे स्थानीय और निर्यात बाजार में भी मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी क्योंकि इन जगहों पर ऐसे विचार का बहुत महत्व होता है।'
भारत में सोने की मांग ज्यादा कीमतों की वजह से इस साल कम रहने की उम्मीद है। अगर मौजूदा ट्रेंड बरकरार रहा तो देश से कुल सोने का निर्यात पिछले साल के 713 टन के स्तर से नीचे रहेगा। (BS Hindi)

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