11 मई 2009

निर्माताओं की मांग घटने से प्लास्टिक दाना सस्ता

प्लास्टिक दाने की ग्राहकी कमजोर पड़ने के कारण इसके मूल्यों में पांच फीसदी की गिरावट आ चुकी है। दरअसल इन दिनों बिजली कटौती होने के कारण प्लास्टिक निर्माता कंपनी दाने की खरीदारी कम कर रही हैं। दिल्ली के प्लास्टिक बाजार में एक माह के दौरान पीपी-100 दाना की कीमत 92 रुपये से घटकर 85 रुपये, एलडी-40 दाना 95 रुपये से घटकर 88 रुपये, एलडीपीई के दाम 90 रुपये से घटकर 85 रुपये प्रति किलो रह गए हैं। जबकि एचएम के दाम 85 रुपये से घटकर 80 रुपये प्रति किलो बोले जा रहे हैं। प्लास्टिक निर्माता राजेश कुमार मित्तल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि इन दिनों बिजली कटौती होने के कारण प्लांटों में इसका उत्पादन कम हो रहा है। इस वजह प्लास्टिक निर्माताओं ने इसकी खरीदारी कर दी है। उनका कहना है कि गर्मी का मौसम होने से मजदूर भी कम मिल रहे हैं। प्लास्टिक निर्माताओं की मांग घटने से प्लास्टिक दाने के मूल्यों में गिरावट आई है। सदर बाजार प्लास्टिक ट्रेडर एसोसिएशन के प्रधान राजेंद्र गर्ग ने बताया कि प्लास्टिक निर्माताओं की ओर से दाने की खरीदारी कम होने के कारण पिछले एक माह के दौरान इसके मूल्यों में सात फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में प्लास्टिक दाने की कीमतों में और गिरावट आने के आसार है। हालांकि क्रूड ऑयल में तेजी के चलते इसके मूल्यों में अधिक गिरावट की संभावना कम है। राजेश मित्तल का कहना है कि आगे दाने के दाम और घट सकते है। उनका कहना है कि जून माह के बाद प्लास्टिक निर्माता कंपनियों में उत्पादन बढ़ने की संभावना है। ऐसे में दाने की मांग बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।मालूम हो कि बीते दिनों क्रूड ऑयल के महंगा होने के कारण प्लास्टिक दाने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हुई थी।अप्रैल माह के दौरान पेट्रोकेमिकल कंपनियां रिलायंस पेट्रोकेमिकल्स और गेल इंडिया लिमिटेड आदि ने इसकी कीमतों में पांच रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की थी। राजेंद्र गर्ग का कहना है कि अप्रैल माह के दौरान क्रूड ऑयल के दाम 45 डॉलर से बढ़कर 51 डॉलर प्रति बैरल हो गए है। ऐसे में प्लास्टिक कंपनियों द्वारा दाम बढ़ाने के बाद प्लास्टिक कारोबारियों ने भी इसके मूल्यों में इजाफा किया था। भारत में प्लास्टिक दाने की सप्लाई करने वाली कंपनियों में रिलायंस पेट्रोकेमिकल्स, हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड और गेल इंडिया लिमिटेड प्रमुख है। दिल्ली सरकार द्वारा 7 जनवरी 2009 को जारी अधिसूचना में कहा गया कि प्लास्टिक बैग की बिक्री, खरीद और भंडार करने पर एक लाख रुपये का जुर्माना और पांच साल की कैद या दोनो हो सकती है। दिल्ली में करीब 4,000 इकाइयां प्लास्टिक बैग बनाने का काम करती हैं और इस उद्योग से करीब दस हजार कारोबारी जुडे हैं। इसका सालाना कारोबार दस हजार करोड़ रुपये का है। दिल्ली में करीब दो लाख प्लास्टिक बैग की दैनिक खपत होती है। (Buisness Bhaskar)

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