11 मई 2009

मिस्त्र में बढ़े निर्यात ने दक्षिण भारत के चाय निर्यातकों को दी राहत

कोयंबटूर: मिस्त्र को निर्यात में होने वाली बढ़ोतरी से दक्षिण भारत के चाय निर्यातकों के कारोबार में इजाफा हुआ है। दक्षिण भारत से चाय के निर्यात में ऐसे वक्त में बढ़ोतरी हुई है, जब साल 2008-09 में भारत से होने वाले निर्यात में हल्की गिरावट देखी गई है। काहिरा में चल रहे भारतीय चाय प्रोत्साहन केंद्र के नवीनीकरण के साथ ही यूनाइटेड प्लांटर्स एसोसिएशन ऑफ सदर्न इंडिया (उपासी) को उम्मीद है कि दक्षिण भारत से मिस्त्र को होने वाले चाय निर्यात में आने वाले महीनों में और तेजी आएगी। यूपासी के महासचिव उल्लास मेनन ने ईटी को बताया, 'हम इस साल जून में नए बने प्रोत्साहन केंद्र को खोलने की योजना बना रहे हैं, लेकिन हम कामकाज इसके पहले ही शुरू कर देंगे।' उन्होंने कहा कि भारत से मिस्त्र को होने वाला चाय निर्यात साल 2007-08 के 45 लाख किलो से बढ़कर पिछले साल करीब 1.6 करोड़ किलो हो गया है। उन्होंने कहा, 'तकरीबन 80-90 फीसदी निर्यात की गई चाय दक्षिण भारत से है।' मेनन ने कहा, 'हमने मिस्त्र में दो कंसल्टेंट नियुक्त किए हैं, जो वहां भारतीय चाय को प्रोत्साहन देंगे। जल्द ही वहां पर चाय के नमूने प्रदर्शन के लिए रखे जाएंगे।' काहिरा में बनाया गया प्रोत्साहन केंद्र भारतीय सरकार, चाय बोर्ड और उपासी का संयुक्त प्रयास है। दक्षिण भारत से पूरे विश्व को हुए चाय निर्यात में साल 2008-09 में इससे पिछले साल के मुकाबले 14.59 फीसदी का इजाफा हुआ है। चाय बोर्ड के तैयार किए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2008-09 में दक्षिण भारत से 8.61 करोड़ किलो चाय का निर्यात हुआ जबकि इससे एक साल पहले यहां से 7.51 करोड़ किलो चाय निर्यात की गई थी। इसके उलट, साल 2008-09 में पूरे भारत से निर्यात में 0.72 फीसदी की गिरावट आई है। साल 2008-09 में देश से कुल 18.39 करोड़ किलो चाय निर्यात हुई जबकि इससे एक साल पहले चाय का निर्यात 18.53 करोड़ किलो के स्तर पर रहा था। मिस्त्र को चाय निर्यात में बढ़ोतरी के अलावा दक्षिण भारत के कारोबारियों को चाय की अच्छी फसल से भी फायदा मिला है। कंटेंपरेरी टी ऑक्शीनियर्स के सीईओ एन श्रीराम ने कहा, 'पिछले साल जुलाई, अगस्त और सितंबर में बेहतर बारिश होने से चाय के उत्पादन में सुधार हुआ है।' साल 2008-09 में दक्षिण भरत में 23.87 करोड़ किलो चाय का उत्पादन हुआ था, जबकि इससे पिछले साल 22.70 करोड़ किलो चाय का उत्पादन हुआ था। साल 2008-09 में निर्यात और उत्पादन में अच्छी बढ़त रहने के बावजूद दक्षिण भारत के उत्पादन में पिछले वित्त वर्ष के अंतिम तीन महीने में कमी आई, जिसकी वजह से निर्यात में गिरावट आई। एम्बो एक्सपोर्ट्स के प्रबंधक ई सी सुनील के मुताबिक, 'इस साल जनवरी, फरवरी और मार्च निर्यात के लिहाज से काफी खराब रहे हैं। अच्छी ग्लोबल मांग के बावजूद उत्पादन कम हुआ जिसके कारण कीमतों में तेजी रही।'

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