Daily update All Commodity news like : Wheat, Rice, Maize, Guar, Sugar, Gur, Pulses, Spices, Mentha Oil & Oil Complex (Musterd seed & Oil, soyabeen seed & Oil, Groundnet seed & Oil, Pam Oil etc.)
07 अप्रैल 2009
सोने के आयात की नई गाइडलाइंस से छोटे ज्वेलरों को फायदा
मुंबई : सोने के आयात के लिए सरकार ने नए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी है, इससे इसका आयात आसान होगा। पिछले सप्ताह घोषित नियमों के मुताबिक किसी भी इकाई द्वारा आयात किए गए सोने का 10 फीसदी हिस्सा स्थानीय निर्यातकों को देना होगा। इस कदम से छोटे निर्यातकों और टियर टू शहरों के ज्वेलर्स को फायदा होगा। इन लोगों को सोने हासिल करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जिन एजेंसियों को सरकार ने सोने के आयात की मंजूरी दी है, उन्हें इसके आयात, निर्यातकों द्वारा खरीदारी और घरेलू उपभोग के लिए बेचे गए सोने का रिकॉर्ड रखना होगा। इन सभी एजेंसियों को जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) में हर माह रिटर्न भरना होगा। जीजेईपीसी इन आंकड़ों को जमा कर डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) को भेजेगी। फरवरी में डीजीएफटी ने अधिसूचना जारी की थी कि वह सोने के आयात के लिए अतिरिक्त एजेंसियों को अनुमति दे सकती है। जिन नई एजेंसियों को आयात की अनुमति मिली है, उनमें जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल और डायमंड इंडिया लिमिटेड के नाम शामिल हैं। जीजेपीईसी के चेयरमैन वसंत मेहता ने बताया कि पहले आयात के लिए चुनी गई एजेंसियां टियर 2 शहरों में समय पर सोने की सप्लाई नहीं कर पाती थीं। उन्होंने कहा, 'इस समस्या को ध्यान में रखते हुए हमने सरकार से जीजेपीईसी को सोने का आयात करने वाली एजेंसियों में शामिल करने की मांग की थी।' मेहता ने बताया कि काउंसिल जल्द ही इस बात को तय कर लेगी कि आगे काम कैसे हो। जीजेपीईसी के कोनल दोशी का कहना है कि शुरुआत में जीजेपीईसी निर्यातकों के लिए सोने का आयात करेगी। इससे वे वैल्यू ऐडेड उत्पाद बनाएंगे। देश भर में जीजेपीईसी के पास 6,000 सदस्य हैं और वह इस साल से आयात शुरू करेगी। देश में सालाना 700 टन सोने का आयात किया जाता है, इसमें से 10-12 फीसदी निर्यात के लिए होता है। सोने के आयात के लिए जिन दूसरी एजेंसियों को चुना गया है उनमें एमएसटीसी, एसटीसीएल और स्टार टेडिंग हाउसेज (जेम्स और ज्वैलरी सेक्टर में) शामिल हैं। इससे पहले सरकार ने आरबीआई द्वारा अधिकृत बैंकों और एमएमटीसी, स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन, द प्रोजेक्ट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, हैंडीक्राफ्ट एंड हैंडलूम एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन और निर्यात आधारित इकाइयों को ही आयात की अनुमति दी थी। मुंबई की बुलियन कंसल्टेंट बी एन वैद्य एंड एसोसिएट्स का कहना है, 'मौजूदा संरचना में छोटे निर्यातकों को बैंकों और दूसरी एजेंसियों से सोना लेने में काफी मुश्किल होती है। इस कदम का उद्देश्य पारदशिर्ता बढ़ाने और प्रक्रिया को सरल करना है।' उन्होंने कहा कि मौजूदा एजेंसियां अतिरिक्त माजिर्न की मांग करती है, अधिक एजेंसियों को आयात की इजाजत मिलने से ज्वेलर्स को मदद मिलेगी। (ET Hindi)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें