नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मंगलवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में बर्मा की उड़द एफएक्यू की कीमतों में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई, जबकि आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव में सुधार आया तथा आयातित अरहर के दाम स्थिर बने रहे।
केंद्र सरकार द्वारा दालों के आयात से मात्रात्मक प्रतिबंध हटा लेने से आगे सस्ते आयात की संभावना एवं मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 100-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,700 रुपये और 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान आयात में अच्छी पैरिटी बनी हुई है। कोरोना के प्रतिबंधों और प्रमुख खपत केंद्रों में लॉकडाउन के कारण व्यापार सीमित मात्रा में हो रहा है, जिसके कारण दालों में थोक के साथ ही खुदरा बाजार में ग्राहकी कमजोर बनी हुई है।
दाल मिलों की हाजिर मांग में आये सुधार से ऑस्ट्रेलिया की मसूर के भाव मुंबई में 25 रुपये बढ़कर 6,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दूसरी और इस दौरान कनाडा की मसूर के दाम स्थिर बने रहे। मसूर की आवक मंडियां बंद होने के साथ ही लॉकडाउन के कारण सीमित मात्रा में ही हो रही है जबकि आयात शुल्क ज्यादा होने के कारण आयात में पड़ते भी नहीं लग रहे हैं जिससे मौजूदा कीमतों में सुधार आने की उम्मीद है। हालांकि, बाजार में इस बात का डर है कि कहीं सरकार जल्द ही मसूर पर आयात शुल्क कम कर सकती है या समाप्त कर सकती है।
दाल मिलों की सीमित मांग से रुस के काबूली चना के दाम मुंबई में 5,150 से 5,200 रुपये, सूडान के काबूली चना के 4,850 से 5,050 रुपये तथा तंजानिया के चना के भाव 4,850 से 4,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
मुंबई में लेमन अरहर के साथ अरुषा अरहर के दाम क्रमश: 6,150 रुपये और 6,050-6,075 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जून वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 21 रुपये की गिरावट आई, जबकि जुलाई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 25 रुपये का मंदा आया।
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