नई दिल्ली। देश में समर सीजन में दलहन फसलों की बुवाई में 67.48 फीसदी की भारी बढ़ोतरी होकर कुल बुआई 17.82 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले समर में केवल 10.64 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। समर में दलहन की प्रमुख फसल मूंग का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है, तथा चालू समूर में मूंग की बुआई 73.84 बढ़ी है। इसकी बुआई चालू समर में 8.32 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 14.45 लाख हेक्टेयर में हो गई। अत: उत्पादन अनुमान बढ़ने से मूंग की कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
मध्य प्रदेश में दलहन बुवाई का रकबा 3.82 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 5.18 लाख हेक्टेयर, ओडिशा में शून्य से बढ़कर 3.20 लाख हेक्टेयर, बिहार में 1.71 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.15 लाख हेक्टेयर, तमिलनाडु में 1.76 लाख हेक्टेयर से 2.21 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 1.28 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.42 लाख, गुजरात 0.58 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 0.77 लाख हेक्टेयर में हुआ।
नई मूंग के दाम उत्पादक मंडियों में 7,196 रुपये प्रति क्विंटल, न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी से नीचे कारोबार कर रहे है। गुणवत्ता के अनुसार, नई ग्रीष्मकालीन फसल मूंग मध्य प्रदेश में 6,000-6,400 रुपये प्रति क्विंटल और गुजरात में 6,000-6,500 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में कारोबार कर रही है। दूसरी ओर, राजस्थान में खरीफ मूंग का कारोबार 6,500-7,000 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में हो रहा है। उत्तर प्रदेश और बिहार के उत्पादक राज्यों में बारिश के कारण समर मूंग में कुछ नुकसान देखने को मिल सकता है लेकिन सरकार द्वारा अरहर, उड़द और मूंग के आयात से मात्रात्मक प्रतिबंध हटाने के बाद मूंग की कीमतों पर दबाव बने रहने की उम्मीद है। घरेलू कीमतों में पहले ही 10-15 फीसदी की गिरावट आई है।
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