नई दिल्ली। घरेलू बाजार में कीमतें तेज होने के कारण अप्रैल-21 में डीओसी का निर्यात, मार्च-21 के मुकाबले कम हुआ है। अप्रैल में देश से 303,458 टन डीओसी का ही निर्यात हो पाया है, जबकि मार्च में इसका निर्यात 321,435 टन का और फरवरी में 393,309 टन का हुआ था।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार घरेलू बाजार में कीमतें ज्यादा होने के कारण डीओसी के निर्यात में कमी आई है। वर्ष 2020-21 डीओसी के निर्यात के लिए एक अच्छा साल रहा है, जिसमें निर्यात इसके पिछले साल के 24.3 लाख टन से बढ़कर 36.8 लाख टन का हुआ है, जबकि मूल्य के हिसाब से यह लगभग दोगुना हुआ है। वर्ष 2019-20 में देश से 4,450 करोड़ रुपये का डीओसी का निर्यात हुआ था, जोकि वर्ष 2020-21 में बढ़कर 8,850 करोड़ रुपये का हो गया। चालू वर्ष (2021-22) में, पहली छमाही के दौरान निर्यात कम होने की संभावना है क्योंकि सोयाबीन की कीमतें घरेलू बाजार में उच्चस्तर पर होने के कारण भारतीय डीओसी अंतरराष्ट्रीय बाजार में पूरी तरह से बाहर है। ऐसा लगता है कि सोयाबीन डीओसी के कम निर्यात को देखते हुए घरेलू पशुआहार उद्योग के लिए डीओसी की उपलब्धता अधिक होगी। सरसों डीओसी का निर्यात पिछले वर्ष के समान ही होने की संभावना है, क्योंकि भारत दक्षिण कोरिया, वियतनाम, थाईलैंड और अन्य सुदूर पूर्व के देशों के लिए प्रतिस्पर्धी आपूर्तिकर्ता है। भारत ने 2020-21 के दौरान 5.76 लाख टन राइसब्रान डीओसी की रिकॉर्ड मात्रा का निर्यात किया था, इसकी वजह बंग्लादेश में चावल की फसल कम होने के कारण मांग में तेजी आई थी। कैस्टर डीओसी का निर्यात भी पिछले साल की समान अवधि के बराबर ही होने की संभावना है।
सोया डीओसी का मूल्य भारतीय बंदरगाह पर अप्रैल-21 में बढ़कर 781 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि मार्च में इसका दाम 579 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से सरसों डीओसी का मूल्य अप्रैल में बढ़कर 311 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि मार्च में इसका भाव 274 डॉलर प्रति टन था। केस्टर डीओसी का भाव भारतीय बंदरगाह पर मार्च के 67 डॉलर प्रति टन से बढ़कर मार्च में 72 डॉलर प्रति टन हो गया।
Daily update All Commodity news like : Wheat, Rice, Maize, Guar, Sugar, Gur, Pulses, Spices, Mentha Oil & Oil Complex (Musterd seed & Oil, soyabeen seed & Oil, Groundnet seed & Oil, Pam Oil etc.)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें