आर एस राणा
नई दिल्ली। देश के राज्यों में हुई भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात बनने से सब्जियों के साथ ही दालों की कीमतों में भी तेजी दर्ज की गई। महीने भर में ही दालों की कीमतों में 50 से 1,000 रुपये प्रति क्विंटल तक की तेजी आ चुकी है।
व्यापारियों के अनुसार चना की कीमतों में महीने भर में करीब 800 से 1,000 रुपये प्रति क्विंटल की तेेजी आ चुकी है तथा उत्पादक मंडियों में बढ़िया चना के भाव उपर में 5,000 रुपये और हल्के मालों के भाव 4,400 से 4,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि कृषि मंत्रालय ने चौथे आरंभिक अनुमान में चना का उत्पादन अनुमान बढ़ाया है लेकिन स्टॉकिस्टों की सक्रियता से तेजी बनी हुई है। उपर में व्यापारियों का लक्ष्य 5,000 रुपये प्रति क्विंटल का था, जोकि लगभग पूरा हो गया है, ऐसे में मोजूदा कीमतों में 100 से 200 रुपये की तेजी तो और भी बन सकती है लेकिन अब बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
सब्जियों के साथ ही दालों पर मौसम की मार
चालू खरीफ सीजन की दलहन फसलों पर मौसम की मार से फसल खराब होने की भी आशंका जता रहे हैं। जुलाई में देश के प्रमुख दलहन बाजारों में उड़द की कीमतों में 500 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है, जबकि अरहर के दाम में करीब 500 से 600 रुपये प्रति क्विंटल बढ़े हैं। जानकारों के अनुसार उड़द की नई फसल की आवक आगे बढ़ेगी, इसलिए मौसम साफ होने के बाद इसकी कीमतों में मंदा ही आयेगा, जबकि अरहर में भी उंचे भाव में मांग कमजोर हुई है। नई फसल की आवक नवंबर, दिसंबर में बनेगी, इसलिए अरहर के भाव में हल्की तेजी तो आ सकती है लेकिन बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।
केंद्र सरकार ने अरहर आयात के लिए नहीं किए हैं लाइसेंस जारी
व्यापारियों के अनुसार अरहर आयात के लाइसेंस के लिए करीब 3,000 आवेदन किए गए हैं, लेकिन सरकार ने अब तक दाल मिलों को आयात के लिए लाइसेंस जारी नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में बाढ़ से फसलों खासकर के मूंग, उड़द और अरहर को नुकसान की आशंका तो है लेकिन चालू खरीफ में बुआई में बढ़ोतरी हुई है, जबकि दालों में मांग अभी भी सामान्य की तुलना में कम है इसलिए इनके मौजूदा भाव में अब बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।
खुदरा में दाम और बढ़ने का अनुमान
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार दिल्ली में खुदरा बाजार में अरहर दाल का भाव 98 रुपये प्रति किलो, उड़द दाल 104 रुपये प्रति किलो, मूंग दाल 104 रुपये किलो तथा मसूर दाल 78 रुपये प्रति किलो बिक रही है। साबूत दालों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से खुदरा में इनके दाम और बढ़ने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में दालों का उत्पादन 231.5 लाख टन का हुआ था, जबकि इससे पहले 2018-19 में 220.8 लाख टन उत्पादन था। देश में दालों की सालाना खपत 240 से 245 लाख टन की होती है। कोरोना वायरस के कारण पिछले तीन-चार महीनों में खपत में कमी आई है, तथा चालू खरीफ में उत्पादन अनुमान ज्यादा है। इसलिए घरेलू बाजार में दालों की कीमतों में अब ज्यादा तेजी की संभावना तो नहीं है लेकिन सितंबर में तेजी, मंदी उत्पादक राज्यों में होने वाली बारिश पर भी निर्भर करेगी।
बुआई में हुई बढ़ोतरी
दालों की बुआई चालू खरीफ सीजन में 4.60 फीसदी बढ़कर 134.57 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है पिछले साल इस समय तक 128.65 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी। खरीफ सीजन में सामान्यत: 128.88 लाख हेक्टेयर में दालों की बुआई होती है। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की बुआई पिछले साल की तुलना में 5.72 फीसदी बढ़कर 47.10 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 44.55 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। इसी तरह से उड़द की बुआई बढ़कर 37.52 लाख हेक्टेयर में और मूंग की बुआई 34.85 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई क्रमश: 37.09 एवं 30.19 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।.............. आर एस राणा
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