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13 जनवरी 2014
श्री पवार विश्व स्तरीय खाद्य प्रसंस्करण शिक्षा और अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन करेंगे
प्रौद्योगिकी उपकरण और कुशल श्रम शक्ति के द्वारा ही खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की संभावित क्षमता को प्
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री शरद पवार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विश्व स्तरीय संस्थान एनआईएफटीईएम का 7 नवम्बर, 2012 को कुंडली हरियाणा में उद्घाटन करेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और कई केन्द्रीय और राज्य मंत्री उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे।
भारतीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (एनआईएफटीईएम) को मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया है। संस्थान ने अपना पहला शैक्षणिक सत्र इन गर्मियों से शुरू किया है। यह संस्थान खाद्य प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के क्षेत्र में बी. टेक, एम. टेक और पी.एचडी की डिग्री प्रदान करेगा।
इस संस्थान के कामकाज का महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यहां पर विभिन्न क्षेत्र जैसे डेरी उद्योग, अनाज आधारित उत्पाद, पशु प्रोटीन, पेय पदार्थ, मिष्ठान और फल तथा सब्जियों पर आधारित खाद्य पदार्थ पर ''विषय केन्द्र'' होंगे। इन क्षेत्रों के अलावा यहां पर प्रबंधन पैकेजिंग, खाद्य मानकों और परीक्षण जैसे विषय भी हैं।
एनआईएफटीईएम खाद्य मानकों की स्थापना, उष्मायन उद्योग तथा सूचनाओं के आदान प्रदान के क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम करेगा। यह खाद्य प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के क्षेत्र में शीर्ष संस्था होगी और अपनी विभिन्न गतिविधियों को अन्य संस्थानों के साथ समन्वित करेगी। एनआईएफटीईएम लीक से हटकर दुनिया भर में प्रसिद्ध खाद्य प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देने में विश्व के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करेगा। इससे एनआईएफटीईएम को उत्कृष्टता का अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र बनने में मदद मिलेगी।
एफपीआई के विकास के लिए प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और उद्यमियता के क्षेत्र में विश्व स्तरीय संस्थानों की विशेष आवश्यकता है। मौजूदा अनुसंधान एवं विकास संस्थान उन्नत उत्पाद, प्रक्रम और वैश्विक स्तर की मशीनरी को विकसित नहीं कर पाए हैं। इस बात की पुष्टि वैश्विक व्यापार में भारत की कम भागीदारी से होती है। हमारे देश में खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी में पर्याप्त तकनीकी पृष्ठभूमि के साथ-साथ विश्व स्तरीय प्रबंधकीय प्रतिभा और उद्यमिशीलता की कमी है। खाद्य स्वच्छता तथा सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के विकास के बढ़ते महत्व को देखते हुए खाद्य मानकों को स्थापित करने के लिए मौजूदा तंत्र भी अपर्याप्त है। भारत में व्यापार उष्मायन सेवाएं और खाद्य क्षेत्र में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने का प्रयोजन लगभग न के बराबर हैं। इसके अलावा उद्योग के क्षेत्र में अपर्याप्त और पुरानी जानकारी जैसे कि भारतीय और विदेशी बाजारों में मांग और पूर्ति का झुकाव, नियामक आवश्यकता आदि चुनौतियों का सामना उद्योग कर रहे हैं। जानकारी की कमी, उपकरणों तथा प्रौद्योगिकी और प्रतिभा की कमी जैसे अभावों पर काबू पाए बिना भारत एफपीआई क्षेत्र में तेजी से नहीं बढ़ सकता और दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा में भाग नहीं ले सकता । एनआईएफटीईएम इन कमियों को दूर करने का प्रयास करेगा और भारतीय एफपीआई उद्योग को अपने पूरे सामर्थ्य तक विकसित होने में मदद करेगा।
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