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22 जनवरी 2013
विदेश में पैदावार घटने से भारत से गेहूं का बंपर निर्यात
विदेश में पैदावार घटने से भारत से गेहूं का बंपर निर्यात
आर एस राणा नई दिल्ली | Jan 21, 2013, 00:03AM IST
फायदा- रूस, यूक्रेन व अमेरिका में उत्पादन पर प्रतिकूल असर का लाभ मिला
विदेशी व्यापार
सार्वजनिक कंपनियों ने 23.05 लाख टन के निर्यात सौदे किए
इसमें से 14.70 लाख टन गेहूं का शिपमेंट भी हो चुकी है
अप्रैल से नवंबर तक 5,836.41 करोड़ रुपये का गेहूं निर्यात
प्राइवेट निर्यातकों ने 22.22 लाख टन गेहूं बेचने के सौदे किए
गेहूं का निर्यात बढ़कर 45 लाख टन के पार
गेहूं का निर्यात बढ़कर 45.27 लाख टन हो गया है। इसमें सार्वजनिक कंपनियों की भागीदारी 23.05 लाख टन की है जबकि 22.22 लाख टन गेहूं का निर्यात प्राइवेट कंपनियों द्वारा किया गया है।
प्रतिकूल मौसम से रूस, यूक्रेन और अमेरिका में गेहूं की पैदावार घटने की आशंका है जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में तेजी आने से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सितंबर 2011 से 4 जनवरी तक 45.27 लाख टन गेहूं के निर्यात सौदे हो चुके है।
सार्वजनिक कंपनियों एसटीसी, पीईसी और एमएमटीसी ने अभी तक 23.05 लाख टन गेहूं के निर्यात सौदे किए हैं जिसमें से 14.70 लाख टन गेहूं की शिपमेंट भी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से नवंबर के दौरान 5,836.41 करोड़ रुपये का गेहूं का निर्यात हो चुका है।
एसटीसी लिमिटेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका, रूस और यूक्रेन में मौसम प्रतिकूल होने से गेहूं की फसल प्रभावित होने का अनुमान है।
इसीलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमत बढ़ी है। पिछले दस दिनों में ही गेहूं की कीमतों में 10 डॉलर प्रति टन की तेजी आई है। मार्च तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं का दाम तेज रहेगा, जिसका फायदा भारत को मिल रहा है।
अमेरिका में मार्च में आने वाली गेहूं की फसल प्रभावित होने की आशंका है। रूस में गेहूं का उत्पादन पिछले साल के 562 लाख टन से घटकर 377 लाख टन और यूक्रेन में 221 लाख टन से घटकर 155 लाख टन ही होने का अनुमान है। रूस और यूक्रेन में नई फसल की आवक फरवरी में बनेगी।
प्रवीन कॉमर्शियल कंपनी के डायरेक्टर नवीन कुमार ने बताया कि शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबॉट) में मार्च महीने के वायदा अनुबंध में गेहूं का दाम सात जनवरी को 276.1 डॉलर प्रति टन था जबकि 17 जनवरी को इसका भाव बढ़कर 287.03 डॉलर प्रति टन हो गया। अमेरिका में गेहूं के दाम 337 डॉलर, ऑस्ट्रेलिया में 333 डॉलर, रूस में 332 डॉलर प्रति टन (एफओबी) हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय गेहूं सबसे सस्ता है। कांडला बंदरगाह पर गेहूं का दाम 310-315 डॉलर प्रति टन है। पीईसी लिमिटेड को गेहूं निर्यात के लिए चालू सप्ताह में 314 डॉलर प्रति टन की निविदा मिली है।
सरकार ने सार्वजनिक कपंनियों के माध्यम से केंद्रीय पूल से 45 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दी है जबकि प्राइवेट निर्यातक भी निर्यात कर रहे हैं लेकिन घरेलू बाजार में दाम बढऩे से प्राइवेट निर्यात की गति धीमी हो गई है।
केंद्रीय पूल में पहली जनवरी को 343.83 लाख टन गेहूं का बंपर स्टॉक जमा है जबकि पहली अप्रैल से नए गेहूं की आवक शुरू हो जाएगी। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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