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14 सितंबर 2012
हर तरफ ग्वार की बुवाई से बंपर उत्पादन के आसार
ग्वार की फसल चहुंओर - इस साल उन किसानों ने भी ग्वार की बुवाई की है, जिन्होंने पहले इस फसल का नाम भी नहीं सुना था। राजस्थान और हरियाणा के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब और मध्य प्रदेश में भी बड़ी संख्या में किसानों ने बुवाई की है।
नई फसल से पहले ग्वार के भाव घटकर एक चौथाई रह गए
मौजूदा खरीफ सीजन में मौसम रकबा बढऩे और मौसम अनुकूल रहने के कारण देश में ग्वार सीड का बंपर उत्पादन होने का अनुमान है। बंपर उत्पादन की संभावना के चलते ग्वार सीड और ग्वार गम के मूल्य में भारी गिरावट आ रही है। इसके भाव अपने रिकॉर्ड स्तर से घटकर करीब एक चौथाई (25 फीसदी) रह गए हैं। जोधपुर मंडी में ग्वार सीड 7,500-8000 रुपये और ग्वार गम 25000-26000 रुपये प्रति क्विटंल रह गया है। जबकि इस साल के शुरू में भाव बढ़कर क्रमश: 30,000 रुपये और 100,000 रुपये प्रति क्विंटल के रिकॉर्ड पर पहुंच गए थे।
ग्वार सीड के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र राजस्थान के जोधपुर के थोक कारोबारी शिखर चंद डूगर ने कहा कि इस साल उन किसानों ने भी ग्वार की बुवाई की है, जिन्होंने पहले इस फसल का नाम भी नहीं सुना था। इस वजह से रकबा काफी बढऩे के कारण पैदावार में भारी बढ़त हो सकती है। ग्वार के प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान और हरियाणा के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब और मध्य प्रदेश में भी बड़ी संख्या में किसानों ने इस फसल की बुवाई की है।
ग्वार की बुवाई जून व जुलाई माह में की जाती है और इसकी कटाई अक्टूबर व नवंबर में होती है। सामान्यतया ग्वार मरुस्थलीय क्षेत्र में उगाया जाता है क्योंकि इस फसल को कम सिंचाई की जरूरत होती है। पहली बार ग्वार की बुवाई करने वाले महाराष्ट्र में अमरावती के एक किसान 48 वर्षीय कैलाश बजाज ने कहा कि अपने क्षेत्र में ग्वार पर एक सेमिनार में हिस्सा लेने के बाद पहली बार उन्होंने ग्वार बोने का फैसला किया क्योंकि ग्वार के मूल्य काफी आकर्षक रहे और उनके क्षेत्र में कम बारिश होने के कारण जलवायु भी अनुकूल थी। बजाज ने इस साल सात हैक्टेयर में सोयाबीन छोड़कर ग्वार उगाई है। उनका कहना है कि अगर उन्हें अच्छी कीमत मिली तो अगले साल रकबा और बढ़ाएंगे।
इस साल मार्च में ग्वार सीड और ग्वार गम के मूल्य में अप्रत्याशित तेजी आने के कारण इसका वायदा कारोबार रोक दिया गया था और फॉरवर्ड मार्केट कमीशन ने तेजी की जांच शुरू की थी। मार्च में ग्वार गम के भाव पिछले साल के मुकाबले बढ़कर दस गुने हो गए थे। मार्च में ग्वार गम एक लाख रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर पहुंच गए और ग्वार सीड 30 हजार रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर निकल गए। अभी तक एफएमसी ने ग्वार का वायदा कारोबार दुबारा शुरू करने के बारे में कोई फैसला नहीं किया है। (Business Bhaskar)
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