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17 जून 2009
WTO के दोहा दौर की बातचीत पर गतिरोध खत्म: शर्मा
नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि वैश्विक व्यापार के मुद्दे पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की दोहा दौर की वार्ता पर मौजूद गतिरोध खत्म हो गया है। शर्मा ने बातचीत पूरी होने के बारे में कोई तय समयसीमा नहीं बताई लेकिन उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत, दोनों ही हाल में चुनावों के दौर से निकले हैं, ऐसे में दोनों देशों में नई सरकारें इस बारे में जल्द से जल्द किसी समझौते पर पहुंचने की कोशिश करेंगी। शर्मा ने कहा, 'भारत की पूरी कोशिश है कि डब्ल्यूटीओ समझौता लागू हो जाए। मौजूदा आर्थिक माहौल में दोहा प्रक्रिया का सफल अंजाम तक पहुंचना बेहद जरूरी है।' उन्होंने कहा कि इस दिशा में अब तक काफी कुछ हो चुका है और बातचीत में मौजूद गतिरोध खत्म हो चुका है। शर्मा इस वक्त वाशिंगटन डीसी की यात्रा पर हैं जहां वे भारत में चुनावों के बाद ओबामा प्रशासन के साथ उच्चस्तरीय बैठक में भाग लेने गए हैं। भारत के तत्कालीन वाणिज्य मंत्री पिछले साल जुलाई में दोहा दौर की बातचीत के लिए अमेरिका गए थे लेकिन अमेरिका और दूसरी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के बीच विवाद पैदा होने के बाद समझौता अधर में लटक गया था। उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की मांग थी कि गरीब देशों के किसानों की मदद की जाए। केयर्न्स ग्रुप के 19 देशों की दुनिया भर के कृषि निर्यात में करीब 25 फीसदी हिस्सेदारी है। केयर्न्स ग्रुप ने पिछले हफ्ते कहा था कि अमेरिका, यूरोप और भारत के व्यापार अधिकारी साल 2001 में शुरू हुए दोहा दौर की बातचीत पूरी करने की दिलचस्पी जाहिर कर चुके हैं। शर्मा ने कहा, 'हम अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर चुके हैं। आखिर भारत कोई समझौता क्यों नहीं चाहेगा। लेकिन जो भी समझौता हो उसमें विकासशील देशों की उम्मीदों को पूरा किया जाए।' उन्होंने कहा, 'केवल भारत को बातचीत के अंजाम तक न पहुंच पाने का जिम्मेदार मानना गलती होगी क्योंकि ऐसे तमाम दूसरे अहम मुद्दे थे जिन पर असहमति कायम थी। लेकिन यह सब अब बीत चुका है। सबसे अहम है, संबंधित पक्षों का सकारात्मक रुझान दिखाना और भारत के केयर्न्स में इस विवाद को खत्म करने के लिए शुरू की गई पहल।' दोहा डील का दुनिया की अर्थव्यवस्था में करीब 150 अरब डॉलर का योगदान होगा। साथ ही आर्थिक संकट के दौर में इस समझौते का पूरा होना और भी अहम है। शर्मा ने कहा कि भारत के जी-20 देशों की मेजबानी के प्रस्ताव से भी डब्ल्यूटीओ बातचीत के सफल होने के रोडमैप को तैयार करने में मदद मिलेगी। शर्मा यूपीए की पिछली सरकार में विदेश राज्यमंत्री थे, जबकि वाणिज्य मंत्रालय कमलनाथ के पास था। वाशिंगटन में मीटिंग से पहले शर्मा ने कहा कि वह दोनों देशों की व्यापार वार्ता में बेहतर नजरिया अपनाएंगे। उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए कि भारत अमेरिकी व्यापार के लिए अपने दरवाजे भविष्य में और खोल सकता है। (ET Hindi)
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