11 जून 2009

उत्पादक क्षेत्रों में बारिश होने से इलायची के मूल्य में गिरावट

इलायची के उत्पादक क्षेत्रों में पिछले तीन-चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है जोकि अगस्त महीने में आने वाली नई फसल के लिए फायदेमंद है। गर्मियों की छुट्टियों के कारण खाड़ी देशों की मांग तो घटी ही है, साथ ही घरेलू मांग में भी कमी आई है। जिससे पिछले दो-तीन दिनों में इलायची की कीमतों में करीब 30-35 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई है। स्टॉकिस्टों की बिकवाली जारी रहने से इसके मौजूदा भावों में और भी 25-30 रुपये प्रति किलो की गिरावट आने की संभावना है। केरल की कुमली मंडी के इलायची व्यापारी अरुण अग्रवाल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि उत्पादक क्षेत्रों में पिछले तीन-चार दिनों से अच्छी बारिश हो रही है जो कि नई फसल के लिए अच्छा है। आगामी दिनों में भी बारिश जारी रही तो अगस्त महीने में आने वाली नई फसल में बोल्ड क्वालिटी (साढ़े सात और आठ एमएम) के माल की उपलब्धता बढ़ जाएगी। इसी के कारण स्टॉकिस्टों ने बिकवाली बढ़ा दी है जिससे घरेलू मंडियों में इसके भावों में पिछले दो-तीन दिनों में करीब 30-35 रुपये प्रति किलो की गिरावट आ चुकी है। उत्पादक मंडियों में 6.5 एमएम इलायची के भाव घटकर 640 से 650 रुपए, 7 एमएम के भाव 740 से 750 रुपए, 7.5 एमएम के 780 से 790 रुपए और 8 एमएम इलायची के भाव 825 से 830 रुपए प्रति किलो रह गए।मुंबई स्थित मैसर्स सैमिक्स एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर एम. बी. रुबारल ने बताया कि गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने के कारण भारत से खाड़ी देशों की मांग पहले की तुलना में घट गई है। घरेलू मांग भी कमजोर होने से इलायची में गिरावट को बल मिल रहा है। भारतीय इलायची के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में 16 से 18 डॉलर प्रति किलो चल रहे हैं। रुपये के मुकाबले डॉलर में आई गिरावट से निर्यात पर असर पड़ रहा है। उधर ग्वाटेमाला की इलायची के भाव 11 से 15 डॉलर प्रति किलो पर बोले जा रहे हैं। ऐसे में आगामी दिनों में भारतीय इलायची के भावों में लगभग एक डॉलर प्रति किलो की गिरावट आ सकती है। भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2008-09 में देश से इलायची का निर्यात बढ़कर 750 टन का हुआ है। जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 500 टन का ही हुआ था। चालू फसल सीजन में देश में इलायची की पैदावार 12,000 टन होने की उम्मीद है लेकिन इसमें बोल्ड माल की उपलब्धता कम रही है। अनुकूल मौसम को देखते हुए नई फसल में बोल्ड क्वालिटी के मालों की उपलब्धता ज्यादा रह सकती है। उधर ग्वाटेमाला में प्रतिकूल मौसम से इलायची का उत्पादन पिछले वर्ष के 22,000 टन के मुकाबले घटकर 18,000 से 19,000 टन रहने की उम्मीद है। (Businss Bhaskar.....R S Rana)

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