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10 जून 2009

स्टॉक ज्यादा होने से सूरजमुखी तेल का आयात घटने की आशा

अंतरराष्ट्रीय बाजार से बड़े पैमाने पर खरीद होने के कारण घरलू बाजार में सूरजमुखी तेल का स्टॉक काफी बढ़ गया है। इस वजह से चालू जून माह से इसके आयात की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक मौजूदा समय में घरलू बंदरगाहों पर सूरजमुखी तेल का भारी स्टॉक इकट्ठा हो गया है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिए शन के कार्यकारी निदेशक बी. वी. मेहता के मुताबिक मौजूदा हालात को देखते हुए अगले छह महीनों के दौरान ज्यादा से ज्यादा एक लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात हो सकेगा। उन्होंने बताया कि इस साल कुल करीब 4.50 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात होने की संभावना है। पिछले साल नवंबर से इस साल अप्रैल के दौरान करीब 353,067 टन सूरजमुखी तेल का आयात हुआ। एक साल पहले समान अवधि में सिर्फ 26,500 टन सूरजमुखी तेल का आयात हुआ था। खाद्य तेल का मार्के¨टग वर्ष नवंबर से अक्टूबर तक होता है। मुंबई के सनविन ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप बिजोरिया के मुताबिक इस समय बंदरगाहों पर स्टॉक काफी बढ़ गया है। लिहाजा आगामी महीनों में आयात की रफ्तार बेहद धीमी रहेगी। कई बंदरगाहों पर करीब 1.20 लाख टन सूरजमुखी तेल का स्टॉक जमा है। इस दौरान घरलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में भी काफी गिरावट आई है जिसका आने वाले दिनों में आयात पर असर पड़ने की संभावना है। मौजूदा समय में सूरजमुखी तेल का भाव करीब 880 डॉलर प्रति टन है जबकि वैश्विक बाजार में यह करीब 930 डॉलर प्रति टन है। लंदन में खाद्य तेलों के विश्लेषक दोराब मिस्त्री के मुताबिक भारत में इस साल करीब पांच लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात होने की संभावना है। (Business Bhaskar)

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