19 जून 2009

निर्यातकों की मांग घटने से मेंथा तेल छह फीसदी गिरा

नई फसल की आवक बढ़ने और निर्यातकों की मांग घटने से चालू महीने में मेंथा तेल के भावों में छह फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। उत्पादक मंडियों में मेंथा तेल के भाव 582 रुपये से घटकर 545 रुपये और क्रिस्टल बोल्ड के भाव 710 रुपये से घटकर 655 रुपये प्रति किलो रह गए। चालू फसल सीजन में देश में मेंथा तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसलिए यूरोप, अमेरिका और चीन के आयातकों ने खरीद कम दी है। उत्पादक मंडियों में मेंथा तेल की दैनिक आवक लगातार बढ़ रही है। ऐसे में आगामी दिनों में मौसम अनुकूल रहा तो मेंथा तेल के मौजूदा भावों में और भी 15-20 रुपये प्रति किलो की गिरावट तो आ सकती है। लेकिन जैसे ही निर्यातकों की मांग बढ़ेगी, भाव सुधर जाएंगे।एसेंशिएल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष जुगल किशोर ने बिजनेस भास्कर को बताया कि मेंथा तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी को देखते हुए निर्यातकों की मांग कमजोर पड़ गई है। रुपये के मुकाबले डॉलर में आई गिरावट से भी निर्यात पर असर पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रिस्टल बोल्ड के भाव 14.5 से 15 डॉलर प्रति किलो (सीएंडएफ) चल रहे हैं। लेकिन इन भावों में यूरोप, अमेरिका और चीन के आयातक खरीद नहीं कर रहे हैं। इस साल की फसल को देखते हुए आयातक इंतजार करो और देखो की नीति अपना रहे हैं। ऐसे में आगामी दिनों में क्रिस्टल बोल्ड के भावों में करीब एक डॉलर की और गिरावट आ सकती है। भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2008-09 में देश से क्रिस्टल बोल्ड का निर्यात वित्त वर्ष 2007-08 के मुकाबले तीन फीसदी घटा है।वित्त वर्ष 2008-09 में क्रिस्टल बोल्ड का 20,500 टन का निर्यात ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका निर्यात 21,100 टन का हुआ था। उत्तर प्रदेश मैंथा उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष फूल प्रकाश ने बताया कि चालू सीजन में देश में मैंथा तेल का उत्पादन 30 से 32 हजार टन होने की संभावना है जोकि पिछले साल से ज्यादा है। पिछले साल मैंथा तेल का उत्पादन घटकर 27-28 हजार टन का ही हुआ था। इस समय मंडियों में करीब पांच से छह हजार टन का बकाया स्टॉक भी बचा हुआ है। हालांकि बुवाई तो पिछले साल की समान क्षेत्रफल में ही हुई थी लेकिन कटाई के समय उत्पादक क्षेत्रों में बारिश होने से उत्पादन में कमी आई थी।संभल स्थित मैसर्स ग्लोरियस केमिकल के डायरेक्टर अनुराग रस्तोगी ने बताया कि उत्पादक मंडियों संभल, चंदौसी और बाराबंकी में मैंथा तेल की दैनिक आवक बढ़कर 600-650 ड्रमों (एक ड्रम 180 किलो) की हो गई है। इस समय मौसम फसल के लिए एकदम उपयुक्त है। अगर मौसम अनुकूल रहा तो अगले आठ-दस दिनों में आवक बढ़कर 700 से 800 ड्रमों की हो जाएगी। हालांकि नीचे भावों में स्टॉकिस्टों की खरीद की पहले की तुलना में बढ़ी है। जिससे मौजूदा भावों में आंशिक गिरावट तो आ सकती है लेकिन भारी गिरावट की संभावना नहीं है (Buisness Bhaskar....R S Rana)

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