11 जून 2009

चीन की खरीद बढ़ी तो सोयाबीन में तेजी

अमेरिकी कृषि विभाग की ताजा रिपार्ट से सोयाबीन में आगे तेजी की भले संभावना जताई जा रही है। लेकिन एशियाई देशों में इसकी कीमतों पर इस समय चीन का ज्यादा असर दिख रहा है। ऐसे में एशियाई सोयाबीन आयातकों को फिलहाल इसके बेहतर भाव मिलने के आसार कम है। पिछले मंगलवार को शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में कारोबार के दौरान सोयाबीन वायदा नौ महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया। इसके ठीक एक दिन बाद अमेरिकी कृषि विभाग ने सोयाबीन की मांग और आपूर्ति से जुड़ी रिपोर्ट जारी की किया है। इसके मुताबिक अमेरिका में सोयाबीन के बकाया स्टॉक में भारी कमी आ सकती है। साथ ही अमेरिकी डॉलर में आ रही गिरावट से भी सोयाबीन की कीमतों को समर्थन मिलने की संभावना है। चालू महीने के दौरान चीन में सोयाबीन की मांग बढ़ सकती है। जिसका असर वैश्विक बाजार में सोयाबीन के भाव पर पड़ना तय है। हालांकि बुधवार को एशियाई ट्रेड में ई-सीबॉट का जुलाई सोयाबीन वायदा करीब तीन सेंट की नरमी के साथ 12.40 डॉलर प्रति बुशल पर रह गया। ऊपरी स्तरों पर मुनाफावसूली से कुछ दिनों भावों में नरमी जरूर देखी जा सकती है। लेकिन अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और वहां स्टॉक घटने से सीबॉट सोयाबीन वायदा को 12 डॉलर के स्तर पर मजबूत आधार मिलता दिख रहा है। सोयाबीन के भाव पर अब चीन के कारोबार का असर ज्यादा रह सकता है। टोक्यो के एक कारोबारी के मुताबिक एशियाई कारोबार में अभी यूएसडीए रिपोर्ट का कोई खास असर नहीं है। लेकिन अमेरिका में सोयाबीन का बकाया स्टॉक कम रहने और चीन में आयात बढ़ने से आने वाले दिनों में भाव को समर्थन मिल सकता है। चीन में सोयाबीन का आयात बढ़ता है तो जल्दी ही इसका भाव 13 डॉलर प्रति बुशल के स्तर पर जा सकता है। लेकिन यदि चीन की ओर से बिकवाली होती है तो भावों में गिरावट तय है। चीन के ज्यादातर सोयाबीन उत्पादक इलाकों में सूखे की वजह से आयात बढ़ने का आसार है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक यहां चाल जून माह में करीब 46.17 लाख टन सोयाबीन आयात की संभावना है। (Business Bhaskar)

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