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09 जून 2009
खाड़ी देशों की मांग घटने से जीरे में 5फीसदी की गिरावट
खाड़ी देशों की मांग घटने से पिछले दस दिनों में जीरे की कीमतों में पांच फीसदी की गिरावट आ चुकी है। ऊंझा मंडी में जीरे के भाव घटकर 11,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। टर्की और सीरिया में जीरे की नई फसल की आवक चालू महीने के आखिर में शुरू हो जाएगी जबकि जुलाई महीने में आवक का दबाव बन जाएगा। जिसे देखते हुए खाड़ी देशों के आयातकों की मांग भारत से घट गई है। रुपये के मुकाबले डॉलर में आई गिरावट का असर भी निर्यात पर पड़ रहा है। ऐसे में इसके मौजूदा भावों में और भी गिरावट आने की संभावना है।मैसर्स भाईमल टीकम लाल एंड कंपनी के डायरेक्टर कुनाल शाह ने बिजनेस भास्कर को बताया कि टर्की और सीरिया में नई फसल की आवक चालू महीने के आखिर में शुरू हो जाएगी जबकि जुलाई महीने में आवक का दबाव बन जाएगा। अत: टर्की और सीरिया की नई फसल को देखते हुए खाड़ी देशों के आयातकों की मांग भारत से घट गई है। इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय जीरे के भाव 2150-2200 डॉलर प्रति टन (एफओबी) चल रहे हैं। चालू सीजन में टर्की और सीरिया में जीरे का उत्पादन 42 से 45 हजार टन होने की उम्मीद है। हालांकि भारत से यूरोप की मांग अभी भी बनी हुई है लेकिन रुपये के मुकाबले डॉलर में आई गिरावट से निर्यातकों की दिलचस्पी घटने लगी है। घरेलू मांग में भी कमी देखी जा रही है। ऐसे में जीरे के मौजूदा भावों में और भी गिरावट आ सकती है। ऊंझा मंडी के जीरा व्यापारी पंकज भाई पटेल ने बताया कि मंडी में जीरे की दैनिक आवक घटकर चार-पांच हजार बोरी (एक बोरी 40 किलो) की रह गई है। लेकिन मांग कमजोर होने से आवक घटने के बावजूद भावों में गिरावट बनी हुई है। इस समय मंडी में जीरे का करीब आठ-नौ लाख बोरी का स्टॉक हो चुका है जो कि पिछले साल के लगभग बराबर ही है। निर्यातकों के साथ-साथ घरेलू मांग भी कमजोर होने से इसकी गिरावट को बल मिल रहा है। मालूम हो कि पिछले साल देश में जीरे का उत्पादन 26 लाख बोरी का हुआ था। लेकिन चालू वर्ष में उत्पादन घटकर 20-21 लाख बोरी ही होने की संभावना है। नई फसल के समय जीरे का बकाया स्टॉक भी पांच से साढ़े पांच लाख बोरी का ही बचा था जोकि पिछले साल के मुकाबले करीब आधा था।मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2008-09 के पहले ग्यारह महीनों में देश से जीरे के निर्यात में करीब 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। इस दौरान भारत से 31,000 टन जीरे का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका निर्यात 23,715 टन का हुआ था। टर्की और सीरिया में जीरे के उत्पादन में आई गिरावट से वित्त वर्ष 2008-09 में भारत से जीरे के निर्यात में बढ़ोतरी हुई थी। (Business Bhaskar....R S Rana)
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