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13 मई 2009
पंजाब में कपास की बुवाई लक्ष्य पूरा होना मुश्किल
पिछले साल कपास की फसल में मिली बग बीमारी लगने के कारण इस साल यह फसल उगाने में किसानों की दिलचस्पी घट सकती है। इससे राज्य में कपास की बुवाई का रकबा लक्ष्य से कम रहने की संभावना है। राज्य में इस साल करीब 5.50 लाख हैक्टेयर में कपास बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। पंजाब के कृषि विभाग में संयुक्त निदेशक गुरुदयाल सिंह ने बताया कि इस साल राज्य में करीब साढ़े पांच लाख हैक्टेयर में कपास की बुवाई करने का लक्ष्य है। जिससे करीब 23.10 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कपास पैदा होने की संभावना है। पिछले साल राज्य में करीब 5.27 लाख हैक्टेयर में कपास की बुवाई हुई थी। हालांकि जानकारों का मानना है कि इस साल राज्य में लक्षित रकबे में कपास की बुवाई होना मुश्किल है। पिछले साल मिली बग बीमारी की वजह से फसल को नुकसान होने से परंपरागत कपास किसान दूसरी फसलों की बुवाई करने में रुचि दिखा सकते हैंे। इन किसानों का रुझान मक्का और धान की खेती में बढ़ सकता है। गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से राज्य में मिली बग का प्रकोप बढ़ने से कपास की पैदावार में गिरावट आई है। साल 2007-08 में यहां करीब 23.55 लाख गांठ कपास पैदा हुई थी जबकि इससे एक साल पहले पैदावार करीब 27.09 लाख गांठ रही। इस तरह से साल भर के दौरान पैदावार में करीब 3.54 लाख गांठ की कमी आई है। साल 2006-07 के दौरान राज्य में करीब 6.14 लाख हैक्टेयर में कपास की बुवाई हुई थी। उसके बाद से रकबे में गिरावट आई है। जानकारों का मानना है कि मिली बग की वजह से पिछले साल के दौरान कपास के रकबे में कमी आई है। माना यह जा रहा है कि किसानों द्वारा कपास की खराब बीजों के इस्तेमाल से मिली बग का प्रकोप बढ़ा है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के एक विशेषज्ञ के मुताबिक किसानों द्वारा दूसर राज्यों से सस्ता बीटी कॉटन का बीज लाकर बुवाई करने से ही मिली बग का प्रभाव बढ़ा। (Business Bhaskar)
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