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13 मई 2009
घरेलू पैदावार घटने से अरहर के भाव पहुंचे रिकार्ड स्तर पर
चालू फसल सीजन में देश में अरहर की पैदावार में कमी और आयात भी महंगा पड़ने से इसकी कीमतें रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। घरेलू बाजार में पिछले आठ-दस दिनों में इसकी कीमतों में 11 फीसदी की तेजी आकर भाव 4000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि आयातित अरहर के भाव में इस दौरान 12 फीसदी की तेजी आकर दाम 770-790 डॉलर प्रति टन हो गए। नई फसल आने में अभी करीब छह महीने का समय बाकी है जबकि म्यांमार के निर्यातक लगातार भाव बढ़ा रहे हैं। ऐसे में इसके मौजूदा भावों में और भी 150-200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी सकती है। हालांकि ऊंचे भावों में मांग कम हो सकती है। दाल मिलर्स सुनील बंदेवार ने बिजनेस भास्कर को बताया कि उत्पादक मंडियों में आवक घटने और स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने से अरहर के भाव बढ़कर 4000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। अरहर दाल की कीमतों में भी पिछले आठ-दस दिनों में 400 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव 5600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि फुटकर बाजार में इसके भाव 60 से 75 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। अन्य दालों के मुकाबले अरहर के भाव तेज होने के कारण इसकी मांग घट सकती है। घरेलू मंडियों में नई फसल की आवक नवंबर-दिसंबर महीने में शुरू होगी। अत: नई फसल आने में अभी करीब छह महीने का समय शेष है। जून महीने में उत्पादक राज्यों में बुवाई का कार्य शुरू हो जाएगा। हालांकि बुवाई मानसून पर निर्भर करेगी। अगर मानसून अच्छा रहा तो ऊंचे भावों को देखते हुए बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हो सकती है। जलगांव दाल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कोगता ने बताया कि घरेलू फसल की आवक घटने और म्यांमार के निर्यातकों द्वारा भाव बढ़ा देने से पिछले दस दिनों में आयातित अरहर के भाव में 70-80 डॉलर की तेजी आकर भाव 770-790 डॉलर प्रति टन हो गए। मुंबई में आयातित अरहर के भाव 3500-3550 रुपये से बढ़कर 3900 रुपये प्रति क्विंटल बोले जा रहे हैं।दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बताया कि सरकारी एजेंसियों एसटीसी, एमएमटीसी, पीईसी और नैफेड ने वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान 95,140 टन अरहर का आयात किया है। म्यांमार के निर्यातकों द्वारा भाव बढ़ा देने से आयात सौदों में भी कमी आई है। उन्होंने बताया कि ऊंचे भावों में मांग घट जाती है ऐसे में इसके मौजूदा भावों में 150-200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी और भी आ सकती है लेकिन भारी तेजी की संभावना कम है।केंद्र सरकार द्वारा जारी तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के मुताबिक चालू फसल सीजन में देश में अरहर की पैदावार घटकर 23 लाख टन ही होने की संभावना है जोकि दूसरे अग्रिम अनुमान के मुकाबले एक लाख टन कम है। हालांकि पैदावार का लक्ष्य 29 लाख टन का था। पिछले वर्ष देश में इसकी पैदावार 30 लाख टन की हुई थी। (Business Bhaskar...R S Rana)
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