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26 मई 2009
सोयाबीन में और गिरावट संभव
सोयाखली तथा तेल की मांग कमजोर होने से सोयाबीन में तेजी का दौर लगभग थम गया है। इस बीच, दुनिया के सबसे बड़े आयातक चीन की ओर से ऊंचे भावों पर खरीद धीमी पड़ने और मध्य प्रदेश में अगले महीने से बुवाई शुरू होने की संभावना को देखते हुए सोयाबीन के भावों पर और दबाव बढ़ने की आशंका बनी हुई है। दरअसल, सोयाबीन में पिछले दो महीने में तेजी का रुख बनने की वजह सोयाखली का कमजोर स्टॉक और चीन की रिकॉर्ड खरीद थी। इस कारण सोया खली में लगातार मजबूती के चलते घरलू बाजार में सोयाबीन की कीमतें मई में ही 2800 रुपये क्विंटल तक पहुंच गई। वहीं इस साल पहले चार महीनों में चीन द्वारा रिकॉर्ड 1.39 करोड़ टन सोयाबीन की खरीद से शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में इस सप्ताह सोयाबीन के भाव सात महीने के उच्चतम स्तर तक जा पहुंचे। दुनिया के तीसर प्रमुख उत्पादक अर्जेटिना में इस साल सोयाबीन की पैदावार में गिरावट के अनुमानों ने सोयाबीन में तेजी बनाने में कसर नहीं छोड़ी। लेकिन चीन ने ऊंची कीमतों को देखते हुए जैसे ही खरीद धीमी करने के संकेत दिए सोयाबीन की कीमतों पर चौतरफा दबाव बन गया और लंदन और न्यूर्याक में जुलाई डिलीवरी वायदा सौदों में सोयाबीन के भावों में गिरावट दर्ज की गई।अंतरराष्ट्रीय बाजार में नरमी से घरलू बाजार में भी सोयाबीन की कीमतों पर दबाव बढ़ गया। इस वजह से पिछले सप्ताह कोटा मंडी में सोयाबीन प्लांट डिलीवरी के भाव करीब पांच फीसदी घटकर 2550 रुपये क्विंटल रह गए। वहीं उठाव कमजोर होने से सोया रिफाइंड तेल करीब ढाई फीसदी लुढककर 4800 रुपये और सोया खली भी ढाई फीसदी की गिरावट से 22,750 रुपये टन रह गई। अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर दबाव की वजह से एनसीडीईएक्स में भी जून वायदा सोयाबीन के भाव इस सप्ताह करीब पांच फीसदी की गिरावट से 2552 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। सोया खली और सोया तेल वायदा भी नरम रहा। उधर, दक्षिण-पश्चिम मानसून जल्दी आने से के पूर्वानुमान को देखते हुए देश के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक मध्य प्रदेश में जून के दूसर पखवाड़े से सोयाबीन की बुवाई शुरू हो जाने की संभावना है।हालांकि पिछले वर्ष खरीफ सीजन में सोयाबीन की पैदावार व्यापारिक अनुमानों के मुताबिक 85 लाख टन ही बैठने से मंडियों में सोयाबीन का स्टॉक ज्यादा नहीं बचा है। इस कारण मध्य प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में आवक घटकर लगभग 26 हजार बोरी प्रति दिन रह गई है। लेकिन सोया तेल का उठाव कमजोर होने तथा सोया खली के निर्यात में भारी कमी की आशंका को देखते हुए सोयाबीन की कीमतों में सुधार के आसार कम है। यह भी बताया जा रहा है कि प्लांटों के पास तेल का काफी स्टॉक बचा हुआ है, जबकि चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में सोया खली के निर्यात में 70 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। (Business Bhaskar)
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