11 मई 2009

अप्रैल में कॉटन निर्यात 42 फीसदी गिरा

मार्च के मुकाबले अप्रैल महीने में देश से कॉटन निर्यात में 42.5 फीसदी की कमी आई है। हालांकि पिछले एक महीने में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन के भावों में लगभग 14 फीसदी की तेजी आ चुकी है। तथा घरेलू बाजार में इस दौरान इसकी कीमतों में 5.8 फीसदी का इजाफा हुआ है। निर्यातकों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन के मौजूदा भावों में 2-3 फीसदी की और तेजी आती है तो फिर निर्यात फायदेमंद होने की संभावना है। आगामी दिनों में कॉटन में चीन की मांग बढ़ने की उम्मीद है। अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार चीन में वर्ष 2009-10 (अगस्त से जुलाई) के दौरान कॉटन आयात में बढ़ोतरी होने की संभावना है।सूत्रों के अनुसार टैक्सटाइल कमिश्नर के आफिस में अप्रैल महीने में भारत से कॉटन का निर्यात के लिए 335,780 गांठ (एक गांठ 170 किलो) के सौदे पंजीकृत हुए हैं तथा इसमें से 43,144 गांठ की शिपमेंट हुई हैं। जबकि मार्च महीने में 584,148 गांठ के सौदे पंजीकृत हुए थे तथा 217,722 गांठ की शिपमेंट हुई थी। चालू कपास सीजन में अगस्त से अप्रैल के दौरान कमिश्नर आफिस में कॉटन के कुल 2,364,600 गांठ के सौदे पंजीकृत हुए हैं तथा इसमें से 1,200,913 गांठ की शिपमेंट हुई है।अंतरराष्ट्रीय बाजार न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में कॉटन के जुलाई वायदा में पिछले एक महीने में 14.6 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। इस दौरान जुलाई वायदा के भाव 52.19 सेंट प्रति पाउंड से बढ़कर 59.85 सेंट प्रति पाउंड हो गए। उधर कॉटलुक इंडेक्स में इस दौरान कॉटन के दाम 55.30 सेंट से बढ़कर 62.50 सेंट प्रति पाउंड हो गए। इस दौरान इसकी कीमतों में लगभग 13 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। घरेलू बाजार में इस दौरान कॉटन की कीमतों में 5.8 फीसदी की तेजी ही आई है। शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव 22,200- 22,500 रुपये से बढ़कर 23,500 से 23,700 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) हो गए।अबोहर स्थित कमल कॉटन ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड के राकेश राठी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉटन के मौजूदा भावों में और दो-तीन फीसदी की तेजी आ जाती है तो फिर निर्यातकों को पड़ते लगने शुरू हो जाएंगे। जिससे पड़ोसी देशों को निर्यात बढ़ने की संभावना बन जाएगी। उन्होंने बताया कि चीन भारत से कॉटन का सबसे ज्यादा आयात करता है तथा चालू सीजन में चीन की मांग अभी तक कमजोर रही है। लेकिन यूएसडीए की रिपोर्ट के अनुसार चीन में वर्ष 2009-10 (अगस्त- से जुलाई) के दौरान कॉटन आयात में बढ़ोतरी होने की संभावना है। ऐसे में आगामी दिनों में भारत से निर्यात मांग में इजाफा होने के आसार हैं (Buisness Bhaskar....R S Rana)

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