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20 अप्रैल 2009
विदेशी तेजी से कॉटन निर्यात बढ़ेगा
विदेशी बाजार में कॉटन के भावों में तेजी का रुख बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में कॉटन के मार्च वायदा में पिछले बीस दिनों में लगभग 15 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। उधर कॉटलुक इंडेक्स में इस दौरान इसकी कीमतों में लगभग नौ फीसदी की तेजी देखी गई। जानकारों के अनुसार विदेशी बाजारों में इसके मौजूदा भावों में दो-तीन सेंट प्रति पांउड की तेजी और आ जाती है तो फिर भारत से कॉटन निर्यात के पड़ते लगने शुरू हो जाएंगे। जिससे निर्यात में बढ़ोतरी होने की संभावना बन जाएगी।अंतरराष्ट्रीय बाजार न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में कॉटन के मार्च वायदा भाव बढ़कर 49.94 सेंट प्रति पाउंड हो गए हैं। पिछले बीस दिनों में इसमें करीब 6.6 सेंट प्रति पाउंड की तेजी आ चुकी है। 27 मार्च को इसके भाव 43.34 सेंट प्रति पाउंड थे। उधर कॉटलुक इंडेक्स में इस दौरान कॉटन के दाम 52.35 से बढ़कर 57.20 सेंट प्रति पाउंड हो गए। इस दौरान इसकी कीमतों में लगभग नौ फीसदी की तेजी दर्ज की गई। अबोहर स्थित कमल कॉटन ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड के राकेश राठी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि विदेशी बाजार में कॉटन के मौजूदा भावों में और दो-तीन सैंट की तेजी आ जाती है तो निर्यात पड़ते लगने शुरू हो जायेंगे। सूत्रों के अनुसार फरवरी और मार्च महीने में कॉटन निर्यात के लिए टैक्सटाइल कमिश्नर के आफिस में 10.34 लाख गांठ (एक गांठ -170 किलो) के सौदे पंजीकृत हो चुके हैं। जबकि अगस्त-08 से जनवरी-09 तक मात्र 9.34 लाख गांठ के सौदे ही पंजीकृत हुए थे। अगस्त-08 से मार्च-09 तक कुल 19.69 लाख गांठ के सौदे पंजीकृत हो चुके हैं तथा इसमें से 10.11 लाख गांठ की शिपमेंट हो चुकी हैं। फरवरी महीने में कुल 4.49 लाख गांठ और मार्च महीने में 5.85 लाख गांठ के सौदे पंजीकृत हुए तथा शिपमेंट क्रमश: 1.98 व 2.61 लाख गांठ की हुई है। इस समय बांग्लादेश से कॉटन की अच्छी मांग निकल रही है जबकि पाकिस्तान और चीन को भी निर्यात हो रहा है। सीसीआई के सूत्रों के मुताबिक अभी तक उत्पादक मंडियों में कॉटन की आवक 261 लाख गांठ की हुई है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में इसकी आवक 285.30 लाख गांठ की आवक हुई थी। उत्तर भारत और मध्य भारत के उत्पादक राज्यों में आवक पिछले साल की तुलना में घटी है जबकि दक्षिण भारत के राज्यों में आवक बढ़ी है। सीसीआई ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 90 लाख गांठ और नैफेड ने करीब 32 लाख गांठ की खरीद की है। जबकि सीसीआई ने लगभग 62 लाख गांठ तथा नाफेड ने मात्र चार-पांच लाख गांठ की ही बिक्री की है। कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने शंकर-6 किस्म की कॉटन के बिक्री भाव बढ़ाकर 23,500 रुपये और जे-34 के 24,100 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) कर दिए हैं। (Business Bhaskar...R S Rana)
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