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21 अप्रैल 2009
सस्ती चीनी के लिए बढ़ी सक्रियता
चुनावी मौसम में सरकार ने चीनी की बेकाबू कीमतों को एक महीने में काबू करने का दावा किया है। इसके लिए सरकारी एजेंसियों को दस लाख टन चीनी का शुल्क मुक्त आयात करने के लिए कहा गया है। सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में खाद्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव (चीनी) एन. सान्याल ने उम्मीद जताई कि इन कदमों से चीनी की कीमतों को जल्द नियंत्रण किया जा सकेगा। सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सरकारी एजेंसियां एमएमटीसी और एसटीसी करीब एक लाख टन चीनी के आयात सौदे कर चुकी हैं।यह चीनी बिना किसी कोटे के खुले बाजार में उतारी जाएगी। हालांकि इस पर किसी तरह की सब्सिडी सरकार नहीं देगी। इसमें से अधिकांश चीनी का आयात थाइलैंड से किया जाएगा। इसके चलते चीनी जल्द ही देश में पहुंच जाएगी। हालांकि ये सौदे किस कीमत पर किए गए हैं, इसका जवाब उन्होंने नहीं दिया। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत 390 डॉलर प्रति टन चल रही है। इसमें ढुलाई भाड़ा और दूसरे खर्च जोड़ने पर चीनी की कीमत करीब 23 रुपये किलो पड़ेगी। सरकार द्वारा कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पिछले पखवाड़े उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए सान्याल ने कहा कि खुदरा बाजार में 28-29 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही चीनी के दाम मई के आखिर और जून के शुरू में घटकर 23-24 रुपये किलो रह सकते हैं। बाजार में चीनी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने गैर-लेवी चीनी के लिए मासिक और पाक्षिक रिलीज कोटे को साप्ताहिक कर दिया है।उन्होंने बताया कि चालू पेराई सीजन में देश में चीनी का उत्पादन 150 लाख टन होने की संभावना है। इसके अलावा शुल्क रहित रॉ-शुगर (गैर-रिफाइंड चीनी) और चीनी का आयात करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि इस तिमाही के लिए सरकार अतिरिक्त चीनी कोटा जारी नहीं करेगी। सरकार चीनी का आयात करके तीन महीने का अतिरिक्त भंडार करीब 50-55 लाख टन बनाएगी।वायदा बाजार में स्टॉकिस्टों की सक्रियता बढ़ने से चीनी के दैनिक कारोबार में भारी इजाफा हुआ है। एनसीडीईएक्स पर वायदा बाजार में इस समय चीनी का दैनिक कारोबार करीब एक लाख टन का है जबकि जनवरी में यह करीब 18-20 हजार टन था। हालांकि वायदा को कीमत बढ़ोतरी का कारक नहीं मानते हुए उन्होंने कहा कि वायदा में कीमतें हाजिर से कम हैं। लेकिन हम इस पर नजर रखे हुए हैं। (Business Bhaskar....R S Rana)
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