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09 अप्रैल 2009
खली की मजबूत निर्यात मांग से सरसों आठ फीसदी महंगी
सरसों की खली की निर्यात मांग के चलते राजस्थान की मंडियों में इस महीने सरसों में छह से आठ फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। एनसीडीईएक्स में भी मई वायदा सरसों के भाव तीन फीसदी से ज्यादा बढ़ गए। उधर, राज्य में बुधवार को करीब साढ़े तीन लाख बोरी सरसों की आवक होने का अनुमान है।जयपुर मंडी के थोक व्यापारी अनिल चतर ने बताया कि इन महीने सरसों में तेजी का मुख्य कारण सरसों खली की मांग निकलने से तेल मिलों और स्टॉकिस्टों द्वारा सरसों की लिवाली करना हैं। इस वजह से एक सप्ताह के दौरान जयपुर मंडी में सरसों मिल डिलीवरी के भाव करीब छह फीसदी बढ़कर 2450 से 2455 रुपये, भरतपुर में 2330 से 2335 रुपये और अलवर में 2275 से 2300 रुपये क्विंटल हो गए, जबकि श्रीगंगानगर मंडी में आठ फीसदी की बढ़ोतरी से लूज में सरसों 2206 रुपये क्विंटल बिक गई। एनसीडीईएक्स में एक अप्रैल को मई वायदा सरसों 2340 रुपए क्विंटल दर्ज की गई थी जो आठ अप्रैल तक तीन फीसदी से ज्यादा बढ़कर 2414 रुपए क्विंटल हो गई।सरसों मजबूत होने से सरसों तेल भी करीब पांच फीसदी महंगा हो गया है। वहीं निर्यात मांग से सरसों खली के भाव करीब 11 फीसदी बढ़ गए हैं। दूसरी तरफ पिछले महीने के मुकाबले सरसों की आवक चार से साढ़े चार लाख बोरी से घटकर इस महीने तीन से साढ़े तीन लाख बोरी रह गई है। भरतपुर के थोक व्यापारी पूरणमल अग्रवाल का कहना है कि सोया खली के भाव 22000 रुपए टन पर पहुंचने से मांग में बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से पिछले वर्ष अप्रेल में करीब 9000 रुपए टन बिकने वाली सरसों खली के भाव इस साल 11000 रुपए टन तक पहुंच गए। इस महीने में ही सरसों खली में करीब 11 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। अग्रवाल के मुताबिक मई में अर्जेटीना और ब्राजील में नई सोयाबीन की आवक होने के बाद सोया खली के भावों पर दबाव बनेगा और सोया खली सस्ती होने के बाद ही सरसों खली की मांग में कमी की संभावना है। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिन में बंगाल व बिहार से मांग निकलने से सरसों तेल में भी तेजी देखने को मिली है। इस वजह से सरसों में अभी गिरावट के आसार कम हैं क्योंकि पिछले वर्ष उत्पादन कम होने से इस साल कैरी फॉर्वर्ड स्टॉक लगभग नहीं के बराबर था। दूसरी तरफ कमोडिटी विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल 42 प्रतिशत कंडीशन सरसों के भाव 2500 रुपए क्विंटल के ऊपर निकलने की संभावना कम है। कृषि निदेशालय के अनुसार इस साल राजस्थान में सरसों की पैदावार पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 20 फीसदी बढ़कर 28.31 लाख टन होने का अनुमान है। (Business Bhaskar)
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