09 अप्रैल 2009

स्टॉकिस्टों की खरीद से फिर बढ़ने लगे चीनी के भाव

स्टॉकिस्टों की मांग बढ़ने और मिलों की बिकवाली कम आने से पिछले एक सप्ताह में चीनी की कीमतों में करीब दस फीसदी का बढ़ोतरी हो चुकी है। चीनी की कीमत पर अंकुश लगाने के सरकार के उपायों का असर खत्म हो रहा है। दिल्ली थोक बाजार में चीनी की कीमतें बढ़कर 2500 से 2550 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। जबकि उत्तर प्रदेश में मिलों ने भाव बढ़ाकर 2300 से 2350 रुपये प्रति क्विंटल कर दिए। हालांकि फुटकर बाजार में इसके दाम 26 से 27 रुपये किलो ही चल रहे हैं। सरकार ने अप्रैल से जून तक (दूसरी तिमाही के लिए) चीनी का कोटा 54 लाख टन का जारी किया है तथा इसमें अप्रैल के लिए 19.5 लाख टन चीनी का कोटा है। मई महीने के लिए कोटा 18.5 लाख टन और जून के लिए 16 लाख टन का है। लेकिन कोटा ज्यादा आने के बावजूद स्टॉकिस्टों की सक्रियता से तेजी बनी हुई है। चालू फसल सीजन में देश में चीनी के उत्पादन में भारी गिरावट से तेजी को बल मिल रहा है। इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2008-09 (अक्टूबर से सिंतबर) देश में चीनी का उत्पादन 155 लाख टन होने की संभावना है। उद्योग से जुड़े कुछ लोगों का मानना है कि उत्पादन घटकर 145 लाख टन रह सकता है। हालांकि चुनावी वर्ष होने के कारण चीनी की कीमतों पर केंद्र सरकार की पैनी नजर है। चीनी व्यापारी सुधीर भालोठिया ने बताया कि गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी होने के साथ ही गन्ने में रिकवरी कम आने से चीनी मिलों की उत्पादन लागत में बढ़ोतरी हुई है। अत: चीनी की उत्पादन लागत में बढ़ोतरी होने से मिलों द्वारा भाव बढ़ाकर बिकवाली की जा रही है। उत्पादन में भारी कमी की आशंका से स्टॉकिस्टों की खरीद भी अच्छी बनी हुई है। इसलिए मौजूदा भावों में और भी तेजी की संभावना है। सरकार ने चीनी की कीमतों पर काबू पाने के लिए स्टॉक लिमिट भी लगाई है, अभी तक राज्य सरकारों की तरफ से लिमिट लागू नहीं की गई है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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