Daily update All Commodity news like : Wheat, Rice, Maize, Guar, Sugar, Gur, Pulses, Spices, Mentha Oil & Oil Complex (Musterd seed & Oil, soyabeen seed & Oil, Groundnet seed & Oil, Pam Oil etc.)
13 अप्रैल 2009
छोटे किसानों के लिए देसी नस्लें बेहतर
डेयरी प्लांट की पहली जरूरत है दूध। अक्सर प्लांट के आसपास के गांवों से ही दूध एकत्रित किया जाता है जो किसी प्लांट का कच्चा माल है। दूध के अधिकतर प्लांट अपने आसपास के गांवों में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए ग्रामीणों को अच्छी नस्ल की गायें/भैंसें उपलब्ध कराते हैं, मवेशियों की खुराक की व्यवस्था करते हैं और बीमार पड़ने पर उनके उपचार का भी इंतजाम करते हैं। डेयरी उद्योग की दूध की मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने अधिक दूध देने वाली विदेशी नस्लों के साथ देसी नस्लों को क्रॉस करा कर अच्छी संकर नस्लें विकसित की हैं। लेकिन इसके बावजूद देसी गाय की नस्लों और भैंसों का दूध के कुल उत्पादन में योगदान 80 फीसदी से भी अधिक है। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), इज्जतनगर, बरेली के निदेशक डा. ए.पी.एस. अहलावत ने बताया कि देसी नस्लें देश की जलवायु के अनुरूप ढली हैं। संकर और अन्य विदेशी नस्लों की तुलना में देसी नस्लें दूध कम जरूर देती हैं, लेकिन इनमें रोगों से लड़ने की ताकत अधिक होती है और उपलब्ध चारे और दाने में भी ये नस्लें अपनी क्षमता के अनुसार दूध देती हैं। डा. अहलावत का कहना है कि छोटे और मझोले किसान और बेरोजगार ग्रामीणों के लिए देसी नस्लें अधिक कामयाब रहती है, क्योंकि इनके रखरखाव का खर्च काफी कम है। भारत में देसी गाय की 28 और भैंसों की 7 नस्लें हैं। डेयरी उद्योग के लिए गाय का चयन इसलिए उपयुक्त रहता है, क्योंकि ये लगभग सालभर दूध देती हैं, जिससे प्लांट के परिचालन में बाधा नहीं आती है। प्लांट लगाते समय उस क्षेत्र की गाय और भैंसों की संख्या को भी ध्यान में रखना आवश्यक है। पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों के लिए कौन-सी देसी नस्लें डेयरी उद्योग के लिए उपयुक्त है और ये कहां उपलब्ध हैं, हम इनकी जानकारी दे रहें हैं-देसी गाय की नस्लेंसरकारी मवेशी फार्म, हिसार, हरियाणा राष्ट्रीय डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल, हरियाणा अमृतसर पिंजरापोल गोशाला (पंजीकृत), घी मंडी, अमृतसर, पंजाब कैटल ब्रीडिंग फार्म, अंजोरा, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ सतगुरु सेवा संघ, जीवन नगर, सिरसा, हरियाणा सारगुरु सेवा संघ, बनिखुर्द, खन्ना, पंजाब कैटल ब्रीडिंग फार्म, कलसी, देहरादून, उत्तरांचल कैटल ब्रीडिंग फार्म, गुइकर्मा, जिला हजारीबाग, झारखंड गवमेर्ंट लाइवस्टॉक फार्म, हिसार, हरियाणा श्री गौशाला सोसाइटी (पंजीकृत), पानीपत हरियाणा कैटल ब्रीडिंग फार्म, इमलीखेडा, छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश कैटल ब्रीडिंग फार्म, पकारिया, बिलासपुर, मध्य प्रदेश सतगुरु सेवा सिंह फार्म, जीवन नगर, सिरसा, हरियाणा लोक भारती गौशाला,जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि, पंतनगर, उत्तरांचल पशु चिकित्सा महाविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि, जबलपुर, मध्य प्रदेश कस्तूरबा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट गौशाला, कस्तूरबाग्राम, इंदौर, मध्य प्रदेश गवर्मेट लाइवस्टॉक फार्म, हिसार, हरियाणा सैंट्रल कैटल ब्रीडिंग फार्म, सूरतगढ़, राजस्थान कैटल ब्रीडिंग फार्म, झांसी, उत्तर प्रदेश इन सभी नस्लों का औसत मूल्य करीब 2,000 से 2,500 रुपये प्रति किलोग्राम दूध के अनुसार तय किया जाता है। दिए गए पते पर मिलने वाली गाय की नस्ल की सरकार गारंटी लेती है, लेकिन गांव में उपलब्ध अन्य बढ़िया देसी नस्ल भी खरीदी जा सकती है। भैंस की नस्लेंकहां उपलब्ध हैं भैंसों पर अनुसंधान के लिए केंद्रीय संस्थान, सिरसा रोड, हिसार, हरियाणा गवर्मेट लाइवस्टॉक फार्म, हिसार, हरियाणा कैटल ब्रीडिंग फार्म, अंजोरा, दुर्ग, छत्तीसगढ़ कैटल ब्रीडिंग फार्म, किरतपुर, इटारसी, मध्य प्रदेश कैटल ब्रीडिंग फार्म, रतोना, पीबी-2, सागर, मध्य प्रदेश मिलिटरी डेयरी फार्म, फिरोजपुर, पंजाब कैटल फार्म, भट्टियां, खन्ना, पंजाब कैटल ब्रीडिंग फार्म, बाबूगढ़, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेशकैटल ब्रीडिंग फार्म, सैदपुर, ललितपुर, उत्तर प्रदेश इसके अलावा, भैंस की संभलपारी या गौदू नस्ल भी है, जो मध्य प्रदेश के बिलासपुर जिले में पाई जाती है। यह नस्ल 2200 से 2700 किलोग्राम दूध प्रति ब्यांत देती है, लेकिन पंजीकृत फार्मो में यह उपलब्ध नहीं हैं। इसे बिलासपुर में किसी भैंस पालक के पास ढूंढा जा सकता है। भैंस की कीमत 2,500 से 3,000 प्रति किलोग्राम दूध के मुताबिक तय की जाती है, लेकिन अच्छी नस्ल के दाम और अधिक हो सकते हैं। (Business Bhaskar)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें