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11 अप्रैल 2009
सुकून : सोना आयात के नियम अब आसान
केंद्र सरकार ने सोना आयात को आसान बनाने के लिए इसके नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के अंतर्गत कुछ अन्य व्यावसायिक संगठनों को सीधे आयात की अनुमति होगी। नए नियमों के अनुसार अधिसूचित संगठनों को न्यूनतम दस फीसदी सोने की सप्लाई स्थानीय ज्वेलरी निर्यातकों को करनी होगी। प्रीमियर ट्रेडिंग हाउसों के अलावा जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) और डायमंड इंडिया लिमिटेड को भी आयात की अनुमति होगी। अभी देश में सोने का आयात 25 एजेंसियां ही कर सकती है जिसमें 18 सार्वजनिक बैंक, चार सरकारी एजेंसियां एमएमटीसी, स्टेट ट्रेडिंग कारपोरेशन (एसटीसी), प्रोजेक्ट एंड इक्विपमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (पीईसी) और हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट कारपोरेशन (एचएचईसी) तथा स्टार ट्रेडिंग हाउस एमडी ओवरसीज, अदानी एंटरप्राइज और राजेश एक्सपोर्ट शामिल हैं। इसके अलावा कुछ निर्यातोन्मुख इकाइयों और एसईजेड में कार्यरत इकाइयों को भी सोना आयात की पहले से अनुमति थी।विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा 31 मार्च को जारी सकरुलर के अनुसार अब जीजेईपीसी, डायमंड इंडिया लिमिटेड और प्रीमियर ट्रेडिंग हाउस भी सोने का आयात कर सकेंगे। प्रीमियर ट्रेडिंग हाउस की श्रेणी में वे आभूषण निर्यातक कंपनियां शामिल होंगी जिनका सालाना निर्यात कारोबार कम से कम 700 करोड़ रुपये हो। फिलहाल देश में पंद्रह ऐसी कंपनियां हैं जिनको प्रीमियम ट्रेडिंग हाउस का दर्जा मिला हुआ है। इसके अलावा 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निर्यात करने वाली कंपनियां स्टार ट्रेडिंग हाउस हैं जिनकी संख्या इस समय तीन है।प्रीमियर ट्रेडिंग हाउस गीतांजलि समूह के प्रबंध निदेशक मेहुल चौकसी ने त्नबिजनेस भास्करत्न को बताया कि आयात नियमों में बदलाव से छोटे आभूषण निर्यातकों को फायदा होगा क्योंकि उन्हें आयातित सोने के लिए ज्यादा आपूर्तिकर्ता नए नियम से मिल जाएंगे। ऐसे में उनको सोने की उपलब्धता आसान हो जाएगी। जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष राजीव जैन ने बताया कि नए नियमों के अनुसार दिग्गज कंपनियों को बड़ी मात्रा में सोना आयात किफायती पड़ेगा। इसके अलावा बड़े निर्यातकों को अपनी जरूरतों के अनुसार आयात करने से निर्यात में सहूलियत होगी।वहीं, दूसरी ओर छोटे आभूषण निर्माताओं पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। इसी वजह से वे इसे गैर जरूरी मान रहे हैं। उनका कहना है कि उनके लिए सोने की उपलब्धता की कोई कमी नहीं है। आयात करने वाली एजेंसियों से पर्याप्त मात्रा में सोना मिल जाता है। इस पर सिर्फ 0.25 फीसदी अतिरिक्त खर्च आता है। सोने का सीधे आयात करना उनके लिए कहीं महंगा साबित होगा। उनके लिहाज से बाजार में सोने की उपलब्धता में कोई कमी नहीं है। (Business Bhaskar)
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