नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित मसूर के साथ ही काबूली चना की कीमतों में मंदा आया।
दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, कांडला, हजीरा और मुंद्रा बंदरगाह के साथ ही आस्ट्रेलिया मसूर के दाम मुंबई में 25 रुपये प्रति क्विंटल नरम हो गए। हालांकि पहले से आयातित मसूर और हाजिर में हो रही आयातित मसूर की कीमतों के बीच अंतर है, जिससे भाव में सुधार आने का अनुमान है, वैसे भी अभी तक सरकार ने मसूर के आयात शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है। कनाडा से कुल 61,500 टन मसूर काकीनाडा और मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंची है, और आयातकों ने गोदामों में रख लिया है।
आगे आयात बढ़ने की संभवना के कारण मिलों की सीमितत मांग मुंबई में लेमन के साथ अरुषा अरहर के दाम क्रमश: 6,000 रुपये और 5,950 से 6,000 प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। आगे के व्यापार में, बर्मा लेमन अरहर के भाव जून-जुलाई शिपमेंट के लिए 6,250 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रहे, सूडान की अरहर के भाव जून-जुलाई शिपमेंट के 6,550 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
विदेशों से चेन्नई बंदरगाह पर नियमित उड़द आने एवं मिलों की मांग कमजोर होने से उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतें क्रमश: 6,450 रुपये और 6,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। आगे के व्यापार में, बर्मा की उड़द एफएक्यू की कीमत जून-जुलाई शिपमेंट की 6,400 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई।
मिलों की कमजोर मांग से रुस के काबूली चना के भाव मुंबई में 50 रुपये घटकर 5,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि सूडान के काबूली चना के दाम 4,950 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। तंजानिया के चना के दाम मुंंबई में भी 4,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
सूत्रों के अनुसार नेफेड मध्य प्रदेश में कल से वर्ष 2018, वर्ष 2019 में खरीदा हुआ चना बेचेगी।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर जुलाई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 117 की गिरावट आई, जबकि अगस्त वायदा अनुबंध में इसके भाव में 110 रुपये का मंदा आया।
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