नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से गुरूवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित अरहर, उड़द के साथ ही चना और काबूली चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।
अरहर, मूंग और उड़द के आयात पर प्रतिबंध हटाने के भारत सरकार के फैसले के बाद चना वायदा में गिरावट आई है, इसके साथ ही केंद्र सरकार ने स्टॉकहोल्डर्स को अपने स्टॉक की घोषणा करने और साप्ताहिक आधार पर कीमतों की निगरानी करने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा, बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण, कई प्रमुख खपत केंद्रों
पर पूर्ण लॉकडाउन के कारण दाल की मांग में गिरावट आई है। दालों में थोक साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य के मुकाबले कमजोर है।
दाल मिलों की खरीद कमजोर होने के कारण बर्मा की लेमन अरहर के की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, इस बीच नई फसल लेमन अरहर के आगे के जून डिलीवरी के सौदे 6,300-6,350 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुए। अरुष अरहर के दाम 6,150 रुपये प्रति क्विंटल प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
मिलों की सुस्त मांग के कारण बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 100-100 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 6,900 रुपये और 6,800 प्रति क्विंटल रह गए। इस बीच आयात में अच्छी समानता देखने को मिली।
बढ़े भाव में दाल मिलों की मांग कमजोर होने से मुंबई में तंजानिया लाईन के चना के साथ ही सूडान एवं रूस के काबुली चना की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
बाजार में इस बात का डर बना हुआ है कि सरकार चना पर आयात सीमा शुल्क कम कर सकती है।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 5 रुपये की तेजी आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसके भाव में 6 रुपये का सुधार आया।
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