नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित अरहर की कीमतों में गिरावट आई, जबकि चना और काबूली चना की कीमतों में सुधार देखा गया। उड़द की कीमतें स्थिर बनी रही।
बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण, कई प्रमुख खपत केंद्रों पर पूर्ण लॉकडाउन के कारण दाल की मांग में गिरावट आई है। दालों में थोक साथ ही खुदरा में ग्राहकी सामान्य के मुकाबले कमजोर है।
दाल मिलों की खरीद कमजोर होने के कारण बर्मा की लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर की कीमतों में 50 से 100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 6,300 रुपये और 6,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
अरहर, मूंग और उड़द के आयात पर प्रतिबंध हटाने के भारत सरकार के फैसले के बाद दालों की कीमतों पर दबाव है, इसके साथ ही केंद्र सरकार ने ट्रेडर्स, मिलर्स और आयातकों के पास दलहन के स्टॉक का ब्यौरा भी मांगा है। जानकारों के अनुसार सरकार कोरोना आपदा में सप्लाई आर डिमांड पर नजर रख रही है।
नीचे दाम पर दाल मिलों की मांग निकलने से मुंबई में तंजानिया लाईन के चना के साथ ही सूडान एवं रूस के काबुली चना की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी दर्ज की गई। तंजानिया के चना का भाव मुंबई में 4,950 रुपये, रुस के काबूली चना का 5,250 रुपये और सूडान के काबूली चना का दाम 4,950 से 5,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
मुंबई में एफएक्यू उड़द नई के दाम 7,000 और पुरानी के 6,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 32 रुपये की तेजी आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसके भाव में दो रुपये का सुधार आया।
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