नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने एवं आयातित माल नहीं आने से बर्मा उड़द एफएक्यू के भाव गुरूवार को चेन्नई 50 रुपये तेज होकर 7,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि एसक्यू के दाम 8,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
उड़द के आयात में देरी की आशंका है, क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय ने 28 जून, 2021 तक डीजीएफटी द्वारा दलहन के आयात कोटा लाइसेंस के खिलाफ स्टे आर्डर दिया है। हालांकि व्यापारिक सूत्रों के अनुसार एक पखवाड़े के भीतर DGFT आयात लाइसेंस आवंटित कर सकती है।
हालांकि, देश भर में बढ़ते कोरोना के मामलों के कारण दालों की थोक एवं खुदरा मांग में कमी आई है। रेस्त्रां के साथ ही होटल और सामाजिक समारोह तथा ब्याह शादियों में लोगों की संख्या कम होने से दाल की मांग प्रभावित हुई है। लॉकडाउन के कारण पापड़ बनाने वाली इकाइयों की मांग प्रभावित हुई है।
दूसरी और, दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बारसी बाजार में गुणवत्ता के अनुसार देसी उड़द की कीमतों में 100 रुपये का मंदा आकर 7,100-7,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि स्थानीय मिलों की अच्छी मांग मांग से इंदौर में इसके दाम 200 रुपये तेज होकर 7,500 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
बर्मा आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, उड़द का कुल स्टॉक 6 लाख टन का है, जिसमें 1.5 लाख टन पुराना माल है। इस बीच, भारत से कोई भी व्यापार नहीं हुआ है, क्योंकि मिलर्स-व्यापारी सरकार से आयात लाइसेंस के आवंटन की प्रतीक्षा कर रहे है। हालांकि, बर्मा में कोई भी विक्रेता कम दरों पर बिकवाली नहीं कर रहा है।
राजस्थानी चना के दाम दिल्ली में 100 रुपये तेज होकर 5,650 से 5,675 रुपये और मध्य प्रदेश लाईन के चना के दाम 50 रुपये बढ़कर 5,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मसूर के दाम दिल्ली में 75 रुपये तेज होकर 6,900 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।
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