नई दिल्ली। कोरोना के कारण देशभर के अधिकांश राज्यों में लॉकडाउन लगने के कारण कॉटन की घरेलू खपत में 15 लाख गांठ की कमी आकर कुल 315 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि चालू सीजन में कॉटन का निर्यात पहले के अनुमान से 5 लाख गांठ बढ़कर 65 लाख गांठ होने का अनुमान है।
कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया, सीएआई के अनुसार पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए चालू फसल सीजन में कॉटन का निर्यात बढ़कर 65 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पहले 60 लाख गांठ निर्यात का अनुमान था। पिछले साल केवल 50 लाख गांठ का ही निर्यात हुआ था। चालू सीजन में 30 अप्रैल 2021 तक 50 लाख गांठ कपास का निर्यात हो चुका है।
विश्व बाजार में दाम तेज होने के कारण कॉटन का आयात भी चालू फसल सीजन में घटकर 11 लाख टन गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 15.50 लाख गांठ का आयात हुआ था। 30 अप्रैल 2021 तक देश में करीब 8 लाख गांठ कपास का आयात हो चुका है।
सीएआई के अनुसार चालू सीजन में 360 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान है जोकि पिछले साल के लगभग बराबर है। कोरोना की रोक थाम के लिए देशभर में लॉकडाउन लगा हुआ है, जिस कारण कॉटन की घरेलू खपत आरंभिक अनुमान 330 लाख गांठ से घटकर 315 लाख गांठ ही होने का अनुमान है। 30 सितंबर 2021 को कॉटन का बकाया स्टॉक 116 लाख गांठ बचने का अनुमान है।
अप्रैल 2021 तक उत्पादक मंडियों में 336.37 लाख गांठ कॉटन की आवक हो चुकी है जोकि कुल उत्पादन का करीब 93.43 फीसदी है। अत: अब केवल 6.57 फीसदी कॉटन ही उत्पादक राज्यों में बची हुई है।
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