नई दिल्ली। आगामी खरीफ सीजन के लिए आज होने वाली नेशनल कांफ्रेंस से पहले देश में हो रही बुवाई के आंकड़े उत्साह बढ़ाने वाले हैं। 30 अप्रैल यानी अभी तक खरीफ सीजन की बुवाई 19.40 फीसदी ज्यादा है। अब तक देश में 75.75 लाख हैक्टेयर में बवाई हो चुकी है। पिछले साल समान अवधि में 63.44 लाख हैक्टेयर में दलहन, तिलहन, मोटे अनाज और धान की बुवाई हुई थी। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
कृषि मंत्रालय ने फसल सीजन 2021-22 में 30.73 करोड़ टन खाद्यान्न के उत्पादन का लक्ष्य तय किया है जोकि अभी तक का रिकार्ड है। इसके तहत खरीफ 2021 में 15.14 करोड़ टन और रबी 2021-22 में 15.58 करोड़ टन का लक्ष्य तय किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार चालू खरीफ सीजन में मानूसनी बारिश भी सामान्य होने का अनुमान है, ऐसे में सरकार द्वारा तय किया गया लक्ष्य पाने में भी मदद मिलेगी।
मंत्रालय के अनुसार दलहन का रकबा 59.93 फीसदी बढ़कर 13.93 लाख हैक्टेयर हो गया है जबकि पिछले साल इस दौरान 8.71 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। मूंग का रकबा इस दौरान 6.68 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 11.01 लाख हैक्टेयर हो गया। उड़द का रकबा 1.78 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 2.59 लाख हैक्टेयर हो गया।
मोटे अनाजों का रकबा 30 अप्रैल तक पिछले साल 11.41 लाख हैक्टेयर से बढ़कर इस साल 11.98 लाख हैक्टेयर हो गया। तिलहनों का रकबा 9.32 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 10.61 लाख हैक्टेयर और धान का रकबा 34.01 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 39.23 लाख हैक्टेयर हो गया। देश में खरीफ फसलों की बुवाई सर्दियां खत्म होने के तुरंत बाद देश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग समय में होती है। हालांकि अधिकांश क्षेत्रों में बुवाई मई के बाद ही रफ्तार पकड़ती है। सबसे ज्यादा बुवाई जून से अगस्त के बीच होती है। आज होने वाली नेशनल कांफ्रेंस में आगामी खरीफ फसलों की बुवाई के लक्ष्य और तैयारियों पर विस्तृत विचार विमर्श होगा।
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