नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मंगलवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में चना के साथ ही काबूली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई, जबकि बर्मा उड़द के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव में गिरावट आई।
देशभर में जिस तरह से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, उससे होटल, रेस्त्रा, सामाजिक समारोह और ब्याह शादियों की मांग, दालों में बुरी तरह से प्रभावित हुई हैै।
मिलों की मांग कमजोर होने से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 7300 रुपये और 7200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि, ट्रेडर्स एवं मिलर्स को आयात लाइसेंस के आवंटन में देरी होने की संभावना है जिस कारण बर्मा से आपूर्ति रुकने का डर है क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय ने 28 जून, 2021 तक डीजीएफटी के आयात कोटा लाइसेंस के लिए तुअर, उड़द, मूंग आयात के ट्रेडर्स एंड लॉटरी सिस्टम पॉलिसी के खिलाफ स्टे आर्डर जारी कर दिया है।
ऑस्ट्रेलिया लाईन की मसूर की कीमतों में 25 की गिरावट आकर भाव 6,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, हजीरा, कांडला और मुंद्रा बंदरगाह पर स्थिर बने रहे। हालांकि उत्पादक मंडियों में मसूर की आवक कम हो गई है, जबकि आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है।
तंजानिया लाईन के चना के साथ ही रूस और सूडान के काबुली चना की कीमतों में 50-50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मई वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 4 रुपये की तेजी आई, जबकि जून वायदा अनुबंध में इसके भाव में 6 रुपये की बढ़ोतरी हुई।
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