नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से शनिवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में आयातित बर्मा की उड़द के साथ कनाडा की मसूर की कीमतों में तेजी आई जबकि चना और काबूली चना में मंदा देखा गया।
चेन्नई में आयात बराबर बना रहने के बावजूद भी मिलों की हाजिर मांग से बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,500 रुपये और 7,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की मसूर के दाम मुंबई और हजीरा बंदरगाह पर 25 रुपये बढ़कर 6,225 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। आयातित स्टॉक कम होने के कारण मिलर्स और बड़े खरीददार आगे घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे जिससे तेजी को बल मिल रहा है। आयातित मसूर का स्टॉक दिन प्रति दिन कम हो रहा है इसलिए देसी मसूर में मिलों की मांग बढ़ेगी।
कोरोना के मामलों में हो रही बढ़ोतरी होने के कारण देश के कई राज्यों में फिर से लाकडॉन का खतरा बना हुआ है, जिससे मसूर की आवक प्रभावित होने का डर है।
बढ़े भाव में मिलों की मांग कमजोर होने से तंजानिया लाईन के चना की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 5,250-5,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह से रूस और सूडान के काबुली चना की कीमतों में भी 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 5,650-5,700 रुपये और 5,550-6,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मिलों की सीमित मांग के कारण मुंबई में लेमन अरहर के दाम 6,750 से 6,800 रुपये और अरुषा अरहर के भाव 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
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