नई
दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2020-21 के पहले छह महीनों में पहली अक्टूबर से
31 मार्च 2021 तक चीनी का उत्पादन 19.05 फीसदी बढ़कर 277.57 लाख टन का हो
चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान केवल 233.14 लाख टन चीनी का ही
उत्पादन हुआ था।
चालू पेराई सीजन में 503 चीनी मिलों में पेराई चल
रही थी, जोकि पिछले साल की 457 मिलों से ज्यादा थी। 282 चीनी मिलों में
पेराई बंद हो चुकी है जबकि इस समय 221 मिलों में पेराई चल रही है।
इंडियन
शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र
में 31 मार्च 2021 तक 100.47 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले
साल इस समय तक केवल 59 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था।
उत्तर प्रदेश
में चालू पेराई सीजन में 120 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जिसमें से 39
मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। राज्य में 31 मार्च 2021 तक 93.71 लाख टन
चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 97.20 लाख
टन से कम है।
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 31 मार्च तक 41.39
लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में
केवल 33.50 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। राज्य की 66 चीनी मिलों में
से 65 में पेराई बंद हो चुकी है तथा अब केवल एक मिल में ही पेराई चल रही
है।
गुजरात में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 9.15 लाख टन और
तमिलनाडु में 5.08 लाख टन चीनी का उत्पादन 31 मार्च 2021 तक हो चुका है
जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इन राज्यों में क्रमश: 8.50 लाख टन
और 4.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। देश के अन्य राज्यों आंध्रप्रदेश
और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,
राजस्थान और ओडिशा में 27.77 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
चालू
पेराई सीजन में अभी तक करीब 45 से 46 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके
हैं जबकि केंद्र सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा तय रखा है।
उद्योग के अनुसार विश्व बाजार में दाम तेज होने से चीनी की निर्यात मांग
अच्छी बनी हुई, जोकि मिलों के लिए एक अच्छा कदम है। केंद्र सरकार ने 31
दिसंबर 2020 को चालू पेराई सीजन के लिए चीनी का 60 लाख टन का कोटा तय किया
था।
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