आर एस राणा
नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग कमजोर होने से दिल्ली के नया बाजार में मंगलवार को अरहर और उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में नरमी आई। सब्जियों की बढ़ी हुई कीमतों के बावजूद भी दालें में मांग खुदरा बाजार से कमजोर रही।
हाजिर में स्टॉक कम होने के बावजूद भी पुरानी अरहर की कीमतों में 150 रुपये का मंदा आकर दिल्ली में भाव 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह आगे के सौदों में, चेन्नई से नवंबर डिलीवरी के लिए भी व्यापार 6,300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ, तथा इन भावों में मांग का अभाव रहा।
केंद्र सरकार ने अरहर के आयात की समय सीमा को 15 नवंबर 2020 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 तक कर दिया है, जिससे बाजार में कीमतों पर दबाव रहा। बाजार सूत्रों के अनुसार नेफेड ने महाराष्ट्र में खरीफ 2019 फसल की निविदा 7,100 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर स्वीकार की।
चैन्नई में कमजोर मांग के कारण, बर्मा उड़द एफएक्यू/एसक्यू की कीमतों में 75 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, मध्यप्रदेश लाईन के पुराने एवं महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द के साथ ही नेफेड की पुरानी उड़द में मांग सीमित मात्रा में होने के कारण भाव स्थिर बने रहे।
मसूर में दाल मिलों की मांग कमजोर होने से मध्य प्रदेश और कनाडा की मसूर में आज 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार, आयातित मसूर की उपलब्धता ज्यादा है, साथ में मसूर दाल में ग्राहकी सीमित मात्रा में ही आ रही है। मसूर का आयात 20 फीसदी शुल्क पर 30 अक्टूबर 2020 तक ही होगा, ऐसे में आगे इसकी कीमतोंं में तेजी, मंदी सरकार की नीति पर निर्भर करेगी।............. आर एस राणा
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