आर एस राणा
नई दिल्ली। निर्यात में कमी और विश्व बाजार से मिले कमजोर संकेतों से मलेशिया में पाम तेल वायदा में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। लगातार दूसरे हफ्ते पाम तेल में गिरावट का रुख दिखा।
बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव पर क्रूड पाम तेल नवंबर वायदा 59 रिंगिट या 2.16 फीसदी की गिरावट के साथ 2,678 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुआ। इस हफ्ते इसमें 0.3 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।
जानकारों के अनुसार कार्गो सर्वेयर्स कंपनियों ने इस हफ्ते मलेशिया से पाम तेल के निर्यात में 18-21 फीसदी गिरावट की आशंका जताई है। कारोबारियों के मुताबिक जुलाई में ज्यादा मांग रही थी जिस कारण इस महीने भारत जैसे देशों की मांग में कमी आई है। वहीं इंडोनेशिया पाम तेल एसोसिएशन ने जुलाई में जून के मुकाबले उत्पादन बढ़ने की अनुमान लगाया है।
भारत में सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन यानि सोपा ने सोयाबीन का उत्पादन 32 फीसदी बढ़कर 122.5 लाख टन होने का अनुमान जारी किया है, साथ ही देश में मूंगफली का उत्पादन अनुमान भी ज्यादा है। अत: आगामी दिनों में खाद्य तेलों की घरेलू उपलब्धता भी बढ़ेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि पैदावार बढ़ने से भारत में विदेश से महंगे पाम, सोया और सूरजमुखी के तेल की मांग में कमी आ सकती है।
पाम तेल पर विश्व बाजार से मिले कमजोर संकेतों का भी असर रहा। आज चीन के डलियन एक्सचेंज पर सोया तेल में 1.24 फीसदी की गिरावट रही। जबकि पाम तेल का दाम 1.72 फीसदी नीचे रहा। हालांकि शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल में 0.19 फीसदी ऊपर कारोबार हुआ। ............. आर एस राणा
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