आर एस राणा
नई दिल्ली। दाल और बेसन में चने की मांग जोर पकड़ने से चने के दाम में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। चालू महीने में ही चने की कीमतों में 300 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। उत्पादक मंडियों में चना के भाव 4,200 से 4,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। कई राज्यों में भारी बारिश से सब्जियों के साथ ही दलहन की फसल को भी नुकसान की आशंका है, इसलिए चना की कीमतों में और भी तेजी आने का अनुमान है।
व्यापारियों के अनुसार चना के भाव अभी भी केंद्र सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं। केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2019-20 के लिए चना का एमएसपी 4,875 रुपये प्रति क्वंटल तय किया हुआ है। कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में चने का उत्पादन 113.5 लाख टन होने का अनुमान है जोकि तीसरे आरंभिक अनुमान 109 लाख टन से ज्यादा है। इसके पिछले साल देश में 99.4 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
व्यापारियों के अनुसार इस समय चना दाल और बेसन में त्यौहारी मांग बनी हुई है, साथ ही हरी सब्जियों के दाम उंचे हैं। कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण हरी सब्जियों की किल्लत होने से इनके दाम बढ़ गए हैं। पिछले दो महीने में ज्यादातर सब्जियां दो से तीन गुना तक महंगी हो गई हैं और बरसात से देश में बने हालात के बीच सब्जियों की महंगाई से फिलहाल राहत की उम्मीद के आसार नहीं दिख रहे हैं। इसलिए चना की मौजूदा कीमतों में और भी 150 से 200 रुपये की तेजी बनने का अनुमान है। हालांकि उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक ज्यादा है, जबकि केंद्र सरकार गरीबों को राशन में एक किलो चना फ्री में दे रही है, जिसकी आपूर्तिै नवंबर तक की जायेगी।
रबी सीजन में नेफेड ने 21.43 लाख टन चना की खरीद एमएसपी पर की थी, जबकि केंद्रीय पूल में पुराना स्टॉक भी बचा हुआ है। इसलिए अभी लंबी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए। केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों को जो फ्री में एक किलो चना दे रही है, उसमें नवंबर तक 9.70 लाख टन की खपत होने का अनुमान है।............ आर एस राणा
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