आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार गन्ना किसानों के बकाया को कम करने के लिए चीनी के बजाए एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर देगी। एथेनॉल उत्पादन से चीनी मिलों का नकदी प्रवाह बढ़ेगा, जिससे बकाया भुगतान में सहुलियत होगी। केंद्र सरकार ने पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले पेराई सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए 362 करोड़ एथेनॉल के उत्पादन का लक्ष्य तय किया है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने सभी उत्पादक राज्यों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि मिलें एथेनॉल उत्पादन क्षमता का लगभग 85 फीसदी उपयोग जरुर करे। केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी दिए जाने के बावजूद भी गन्ना किसानों का बकाया लगातार बढ़ता जा रहा है, इसलिए सरकार चीनी के बजाए एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने पर जोर देगी, एथेनॉल से चीनी मिलों को समय पर भुगतान हो सकेगा, जिससे किसानों के बकाया भुगतान में मदद मिलेगी।
तेल विपणन कंपनियों ने गुरुवार को 465 करोड़ लीटर एथेनॉल की आवश्यकता की निविदा जारी की है। मंत्रालय ने सभी चीनी उत्पादक राज्यों को पत्र लिखा है कि देश में चीनी का उत्पादन खपत से ज्यादा हो रहा है, जिससे चीनी मिलों को समय से पैसा नहीं मिलने से किसानों के बकाया भुगतान में देरी हो रही है, इसलिए मिलें एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे। केंद्र सरकार ने 2022 तक पेट्रोल में एथेनॉल ब्लेंडिंग के लिए 10 फीसदी और 2030 तक 20 फीसदी ब्लेंडिंग का लक्ष्य तय किया हुआ है जबकि पेराई सीजन 2018-19 में चीनी मिलों ने तेल कंपनियों को 180 करोड़ लीटर एथेनॉल की सप्लाई ही की थी, जोकि 5 फीसदी ब्लेंडिंग के बराबर है।
केंद्र सरकार ने सितंबर 2019 में सी-ग्रेड एथेनॉल की कीमत 29 पैसे बढ़ाकर 43.75 रुपये प्रति लीटर और बी-ग्रेड एथेनॉल की कीमत को 1.84 रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 54.27 रुपये प्रति लीटर तय की थी। साथ ही गन्ने के रस से सीधे बनने वाले एथेनॉल की कीमत में भी 29 पैसे की बढ़ोतरी कर भाव 59.48 रुपये प्रति लीटर तय किया था। चालू पेराई सीजन 2019-20 में 273 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि आगामी पेराई सीजन में 305 लाख टन से ज्यादा चीनी के उत्पादन का अनुमान उद्योग ने जारी किया है जबकि देश में चीनी की सालाना खपत 240 से 250 लाख टन की ही होती है। पत्र में कहा गया है कि एथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए लगभग 18,600 करोड़ रुपये के सॉफ्ट लोन को बैंकों के माध्यम से 362 परियोजनाओं (349 चीनी मिलों और 13 गुड़-आधारित स्टैंड अलोन डिस्टिलरीज) प्रस्ताव मिले हुए हैं, जिसके लिए सरकार द्वारा करीब 4,050 करोड़ रुपये का ब्याज उपकर पांच साल के लिए वहन जायेगा। सरकार द्वारा सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत 349 चीनी मिलों में से अब तक 64 परियोजनाओं के ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं और इन क्षमताओं को पूरा करने से एथेनॉल उत्पादन क्षमता 165 करोड़ लीटर बढ़ जाएगी। .................. आर एस राणा
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