आर एस राणा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के समय में देश से बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई। चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले दो महीनों अप्रैल, मई में बासमती चावल का निर्यात 15.97 फीसदी की बढ़कर 8.64 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में केवल 7.45 लाख टन का ही निर्यात हुआ था।
एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले दो महीनों में बासमती चावल का निर्यात तो बढ़ा है लेकिन इस दौरान गैर-बासमती चावल के निर्यात में 53.37 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है। गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के अप्रैल, मई में घटकर 7.11 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के पहले दो महीनों में 15.25 लाख टन का निर्यात हुआ था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात अप्रैल-मई में 6,488 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के पहले दो महीनों में 5,451 करोड़ रुपये का ही निर्यात हुआ था। गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले दो महीनों अप्रैल, मई में मूल्य के हिसाब से केवल 2,046 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 4,347 करोड़ रुपये का हुआ था।
कृषि मंत्रालय के अनुसार धान की रोपाई चालू खरीफ में17.36 फीसदी बढ़कर 321.79 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस अवधि में 274.19 लाख हेक्टेयर में ही धान की रोपाई हो पाई थी। सामान्यत: धान की रोपाई खरीफ सीजन में 397.29 लाख हेक्टेयर में होती है। व्यापारियों के अनुसार चालू अगले महीने उत्तर प्रदेश लाइन से नए धान पूसा 1,509 की आवक शुरू हो जायेगी, इसलिए धान के साथ ही चावल की कीमतों में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है। ......... आर एस राणा
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