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10 फ़रवरी 2015

कृषि उत्पादों के घटते दाम बने मुश्किल!

कृषि उत्पादों की घटती कीमतों ने हरियाणा में भाजपा सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। इस सत्र में बड़े पैमाने पर उगाई जाने वाले मुख्य खरीफ फसलों कपास और धान की कीमतें हरियाणा में तेजी से नीचे आई हैं। भाजपा के लिए परेशानी की बात इसलिए है क्योंकि संयोग से भाजपा की सरकार भी अक्टूबर में बनी थी जब इन फसलों की कटाई शुरू होती है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक भूपिंदर सिंह हुड्डा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि किसानों की दशा में सुधार आने के बजाय राज्य में नीतिगत खामियों की वजह से पिछले कुछ महीनों में कृषि आय पर दबाव बढ़ा है। 

हुड्डïा के अनुसार कृषि के लिए बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है और रबी फसलों के लिए बीज और उर्वरकों का वितरण में समस्या आई है जिससे छोटे किसानों को बुरे हालात का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जुलाई 2014 में आर्थिक सर्वे 2013-14 में हरियाणा और महाराष्ट्र को जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय के संदर्भ में शीर्ष पर बताया था, इसलिए हरियाणा में सेवानिवृति उम्र 58 साल से बढ़ा कर 60 साल किए जाने के प्रस्ताव को वापस लिए जाने का कोई वैध कारण नहीं है। 

उन्होंने कहा कि पंजाब, दिल्ली और राजस्थान में सेवानिवृति की उम्र 60 साल है और हरियाणा में भी इसे समान रखा जाना चाहिए। हरियाणा विधानसभा में 90 विधायकों में कांग्रेस विधायकों की संख्या सिर्फ 15 है। हुड्डा के नेतृत्व में इसने 10 साल तक सत्ता संभाली है। हुड्डा ने कहा कि यदि अगले तीन महीनों में किसानों की दशा, कानून व्यवस्था और विद्युत व्यवस्था की स्थिति में सुधार नहीं आता है तो वे इस साल मई में हरियाणा के जींद से एक जन संपर्क अभियान की शुरुआत करेंगे। (business standerd)

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