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11 फ़रवरी 2015

भूषण उद्योग को हस्तशिल्प का दर्जा

सोना-चांदी उद्योग को भी हस्तशिल्प का दर्जा प्राप्त हो गया है। हस्तशिल्प उद्योग के नियमों का लाभ अब आभूषण विक्रेताओं को भी मिलेगा। जो ज्वैलर सोने-चांदी के आभूषण बनाने में मशीनों का उपयोग नहीं करते हैं, उन्हें हस्तशिल्प मंत्रालय से पहचान पत्र दिए जाएंगे, जिसके आधार पर ज्वैलर हस्तशिल्प उद्योग में शामिल होने का फायदा उठा सकेंगे। ज्वैलरी उद्योग को हस्तशिल्प उद्योग का दर्जा अदालत के आदेश पर दिया गया है। 

हस्तशिल्प की सूची में 32 उत्पादों में सोने-चांदी को भी शामिल किया गया है। सोने-चांदी के आभूषण में वे सभी गुण पाए जाते हैं जो हाथ से बनाए जाने वाले यानी हस्तशिल्प उद्योग के उत्पादों में देखने को मिलते हैं। सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार कारीगरों द्वारा बनाए जाने वाले सोने-चांदी के आभूषण हस्तशिल्प के दायरे में आते हैं। परंपरागत ज्वैलरी को बनाने वाले कारीगरों को हमेशा इसकी शिकायत रहती थी कि वह बेहतरीन हस्तकला का परिचय देते हैं लेकिन सरकार उनकी इस कारीगरी को हस्तशिल्प में शामिल नहीं करती है। 

इस मुद्दे को ज्वैलर अदालत में ले गए। उच्चतम न्यायालय ने सोने-चांदी के आभूषण को हस्तशिल्प उद्योग की परिभाषा के अंदर पाया और इसी आधार पर सोने-चांदी उद्योग को हस्तशिल्प उद्योग का दर्जा देने का आदेश दिया। विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) समीर कुमार विश्वास द्वारा सभी संबंधित विभागों को भेजे गए पत्र में यह जानकारी दी गई। उन्होंने संबंधित विभागों से कहा है कि सभी ज्वैलरों को हस्तशिल्प कारीगरों के पहचान पत्र जारी किए जाएं और इसके बाद ज्वैलरों को हस्तशिल्प उद्योग की सभी सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। 
 
ज्वैलर्स एसोसिएशन के कुमार जैन के मुताबिक यह देश के ज्वैलरों के लिए बड़ी जीत है। इसका सबसे ज्यादा फायदा छोटे ज्वैलरों और परंपरागत आभूषणों को तैयार करने वाले ज्वैलरों को मिलेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा टैक्स में छूट और अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए बैंकों से मिलने वाले कर्ज के रूप में दिखेगा। अब ज्वैलरों को भी वह छूट मिलेगी जिसके वे हकदार हैं। आभूषण बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि भारत का हस्तशिल्प उद्योग सच्ची भावना के साथ हमारी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि भारतीयों की जीवनशैली की झलक उन उत्पादों से मिलती है। सोने-चांदी के आभूषण में आज भी करीब 40 फीसदी आभूषण हाथ से बनाए जाते हैं। साथ ही देसी औजारों से इन्हें तैयार किया जाता है। (BS Hindi)

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