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01 जनवरी 2014
अमेरिका को आभूषण निर्यात सुस्त
विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में सुधार के संकेतों के बाद वहां के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने बॉन्ड खरीद में कमी की घोषणा की है। बावजूद भारतीय आभूषण निर्यातक नव वर्ष और मदर्स डे पर बिक्री फीकी रहने की संभावना जता रहे हैं। इन मौकों पर विकसित देेशों में साल भर की 35 फीसदी आभूषण बिक्री होती है। पश्चिमी देशों में आभूषणों की बिक्री का मुख्य सीजन नवंबर में थैंक्सगिविंग सेरेमनी से शुरू होता है, जिसके लिए भारतीय ज्वैलर महीनों पहले तैयारी शुरू करते हैं। इसके लिए वे आकर्षक डिजाइन तैयार करते हैं। हालांकि इस साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के माहौल के कारण पहले मौके पर आभूषणों की बिक्री उत्साहजनक नहीं रही है।
आभूषणों की वैश्विक खपत में अमेरिकी बाजार का करीब 40 फीसदी हिस्सा है। आभूषण निर्यातकों के लिए अमेरिकी बाजार न केवल वैश्विक ग्राहकों तक पहुंच बनाने की दृष्टि से बल्कि ज्यादा आमदनी के लिहाज से भी महत्त्वपूर्ण है। रत्नाभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर में रत्न और आभूषणों का निर्यात 16.85 फीसदी गिरा है, जबकि अक्टूबर में 41.58 फीसदी की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
परिषद के चेयरमैन विपुल शाह ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि त्योहारी सीजन में निर्यात बाजारों में बिक्री सपाट रहेगी, जबकि इसमें वृद्धि का अनुमान था। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार की बातें हो रही हैं, लेकिन इसका असर जमीनी स्तर पर नहीं दिखा है। इसका मतलब यह है कि आभूषणों की बिक्री में उछाल का संकेत अभी नहीं दिखा है।' बेरोजगारी दर में कमी और गैर-कृषि वेतन भुगतान आंकड़ों में इजाफे से उत्साहित अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने मासिक बॉन्ड खरीद को 10 अरब डॉलर घटाने की घोषणा की है। फेड जनवरी 2014 से हर महीने बॉन्ड खरीद 85 अरब डॉलर से घटाकर 75 अरब डॉलर कर देगा। आभूषणों की बिक्री में इजाफा देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि के समानांतर होता है।
कीमती रत्नों और आभूषणों का निर्यात करने वाली श्रेनुज ऐंड कंपनी के चेयरमैन श्रेयस दोशी ने कहा, 'पहली छमाही में उपभोक्ताओं ने ज्यादा खरीद की थी। चालू कैलेंडर वर्ष की दूसरी छमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखे हैं, इसलिए हमें लगता है कि दूसरी छमाही में ग्राहक कम खरीदारी करेंगे। दूसरी छमाही में आभूषणों की बिक्री फीकी रहने की संभावना है और इसलिए पूरे वर्ष के दौरान आभूषणों की बिक्री सपाट रहेगी।' गीतांजलि जेम्स का भी अनुमान है कि इस साल ग्राहकों के कमजोर रुझान के कारण बिक्री में 3-4 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी रहेगी। (BS Hindi)
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