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18 अक्टूबर 2013
एथेनॉल खरीद पर नहीं लगेगी रोक : सीसीआई
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के खिलाफ आई शिकायत खारिज कर दी है। इस शिकायत में तेल कंपनियों के एथेनॉल खरीदने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
जुबिलंट लाइफ साइंसेज लिमिटेड (जेएलएसएल) और पोंटी चड्ढा समूह की वेव डिस्टीलरीज ऐंड ब्रुअरीज लिमिटेड (बीडीबीएल) ने अपनी शिकायत में मांग की थी कि तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) और एथेनॉल विनिर्माताओं को जनवरी 2013 में खुली निविदा या अन्य ताजा निविदा के लिए अनुबंधों को को पूरा करने से रोका जाए। जेएलएसएल ने अपनी शिकायत में तर्क दिया है कि तेल विपणन कंपनियों के एथेनॉल खरीदने से शराब और रसायन उद्योग को इसकी आपूर्ति नहीं मिल पाएगी। इसके अलावा प्रतिस्पर्धा बढऩे से एथेनॉल की कीमतें भी बढ़ेंगी।
सीसीआई के आदेश में कहा गया है, 'एथेनॉल की मांग में बढ़ोतरी से एथेनॉल बाजार में प्रतिस्पर्धा प्रभावित होने की शिकायतकर्ताओं (जेएलएसएल और डब्ल्यूडीबीएल) की चिंता वाजिब नहीं है। सीसीआई इस आधार पर नए उपभोक्ताओं उद्योगों को एक उत्पाद की आपूर्ति नहीं रोका सकता कि इससे वर्तमान उपभोक्ता उद्योगों के लिए कीमत बढ़ जाएगी। इसलिए इस संबंध में आए आवेदनों को खारिज किया जाता है।Ó
इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशक (विपणन) के के गुप्ता ने कहा, 'यह बहुत ही अच्छा है कि सीसीआई ने एथेनॉल की खरीद नहीं रोकी। एथेनॉल मिश्रण के कार्यक्रम का फैसला कैबिनेट ने राष्ट्रीय हित में लिया है। हम पेट्रोल में मिलाने के लिए एथेनॉल की खरीद जारी रखेंगे।Ó गौरतलब है कि बीपीसीएल ने ही सभी तेल विपणन कंपनियों के पक्ष में एक संयुक्त निविदा जारी की थी।
शिकायत में यह भी कहा गया था कि चीनी मिलों एथेनॉल की ऊंची कीमतें तय करने के लिए गुटबंदी कर ली है। इस पर सीसीआई ने यह पाया है, 'सीसीआई को गुटबंदी के बारे में कोई पक्का सबूत नहीं मिला है।Ó इस्मा के अधिकारियों ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
कैबिनेट के आदेश का पालन करते हुए तेल विपणन कंपनियों ने चालू सीजन के लिए 55 करोड़ लीटर एथेनॉल खरीदने के लिए संयुक्त निविदा जारी की थी, जिसमें से 40 करोड़ लीटर के लिए ऑर्डर दिए गए थे। तेल विपणन कंपनियों ने अगले सीजन के लिए 133 करोड़ लीटर एथेनॉल खरीदने के लिए भी संयुक्त निविदा जारी की थी, जिसमें चीनी मिलों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। अगला सीजन दिसंबर 2013 से शुरू हो रहा है। अभी इन बोलियों का मूल्यांकन जारी है और चीनी मिलों को ऑर्डर जल्द दिए जाएंगे।
जेएलएसएल जैसी बहुत सी कंपनियों को यह चिंता पैदा हो गई थी कि शराब और रसायन उद्योग को एथेनॉल खरीदने के लिए बाजार निर्धारित कीमतों पर तेल विपणन कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी। (BS Hindi)
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