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19 अक्टूबर 2013
अंजनी पलटे, शाह की मुश्किलें बढ़ीं
भुगतान संकट से जूझ रही नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी अंजनी सिन्हा ने सभी को हैरान करते हुए अपने बयान से पलटी मार ली। सिन्हा ने 5,600 करोड़ रुपये के भुगतान घोटाले के लिए एक्सचेंज के पूरे निदेशक मंडल को जिम्मेदार ठहराया।
सिन्हा ने 14 अगस्त को हलफनामा दायर कर इस पूरे घोटाले के लिए खुद को और अपनी प्रबंधन टीम को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन आज नया हलफनामा दायर करते हुए सिन्हा ने कहा कि 14 अगस्त को हलफनामा दायर किया गया वह 'दबाव के तहतÓ था और एनएसईएल के निदेशक मंडल ने उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया था। सिन्हा ने कहा कि निदेशक मंडल को इस पूरे मामले की जानकारी थी। सिन्हा ने कहा कि वह हलफनामा 'एक्सचेंज के कार्यालय में तैयार किया गया थाÓ और अकेले उन्हें ही इस घोटाले के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।
हालांकि मुंबई पुलिस ने कहा कि नया हलफनामा 'सबूत के तौर पर बहुत मजबूत नहीं हैÓ लेकिन सिन्हा के नए बयान से जिग्नेश शाह और जोसेफ मैसी समेत एनएसईएल के बोर्ड की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि एक्सचेंज के प्रवक्ता ने कहा, 'जिग्नेश शाह और जोसेफ मैसी पर लगाए गए सिन्हा के आरोपों को बहुत अहमियत नहीं दी जानी चाहिए। मामले की जांच चल रही है और हम इससे ज्यादा कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।Ó गुरुवार को गिरफ्तार किए गए सिन्हा को आज मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया और उन्हें पूछताछ के लिए 31 अक्टूबर तक हिरासत में रखा जाएगा। अदालत ने एनएसईएल के पूर्व सहायक उपाध्यक्ष (गोदाम)जय बहुखंडी और पूर्व सहायक उपाध्यक्ष (कारोबारी विकास) अमित मुखर्जी की हिरासत अवधि भी 23 अक्टूबर तक बढ़ा दी।
मुखर्जी के वकील ने अदालत को बताया कि इस घोटाले का प्रमुख 'षड्यंत्रकर्ताÓ शाह है और उसके मुवक्किल को घोटाले की जिम्मेदारी लेने के लिए मजबूर किया गया है क्योंकि इस घोटाले में कई अन्य 'प्रभावशाली व्यक्तिÓ शामिल हैं। सिन्हा ने दावा किया है कि इस घोटाले से निजी तौर पर उन्हें कोई लाभ नहीं हुआ है लेकिन मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा का कहना है कि सिन्हा के इस दावे को गलत साबित करने के लिए उसके पास कई सबूत हैं।
नए हलफनामे में सिन्हा ने कहा, 'प्रवर्तक, निदेशक और प्रबंधन के अहम पदाधिकारी ही सही तंत्र नहीं होने के लिए जिम्मेदार हैं। सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशन को पूरी तरह फाइनैंशियल टेक्नोलॉजिज ने डिजाइन किया था।Ó सिन्हा ने यह भी बताया कि निदेशकों को इस बढ़ते जोखिम की जानकारी थी। सिन्हा ने दावा किया कि उसके पास एक्सचेंज के परिचालन से जुड़े महत्त्वपूर्ण फैसले लेने का कोई अधिकार नहीं था।
आर्थिक अपराध शाखा के अतिरिक्त आयुक्त राजवर्धन ने कहा कि एमसीएक्स एसएक्स के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी जोसेफ मैसी ने उनसे मुलाकात कर इस भुगतान संकट के बारे में कुछ अहम जानकारी दी है। उन्होंने बताया, 'हमारी मुलाकात में मैंने सिन्हा को भी शामिल किया। उन दोनों ने काफी लंबे समय तक साथ में काम किया है।Ó राजवर्धन ने कहा कि पुलिस एक या दो दिन में एनएसईएल के प्रवर्तकों, बकाया नहीं चुकाने वाले खरीदारों और कर्जदारों के खिलााफ महाराष्टï्र प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर्स अधिनियम 1999 भी लागू कर सकती है। (BS Hindi)
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