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07 अगस्त 2013
रबर आपूर्ति प्रभावित, कीमतें चढ़ीं
केरल में भारी बारिश की वजह से रबर उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है जिससे स्थानीय कीमतों में तेजी आई है। पिछले दो सप्ताह के दौरान आपूर्ति में भारी कमी आई है जिससे आरएसएस-4 ग्रेड की कीमत बढ़ कर 195 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।
यह वैश्विक बाजार में मौजूदा रुझान के विपरीत है जहां कीमतों में भारी गिरावट बनी हुई है। बैंकॉक बाजार में आज रबर कीमतें 149 रुपये पर रहीं और स्थानीय और वैश्विक बाजारों के बीच कीमत अंतर बढ़ कर 46 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया। यह पिछले 10 वर्षों के दौरान सर्वाधिक कीमत अतर है।
कोच्चि के व्यापारियों के अनुसार इस कीमत पर भी रबर बाजार में उपलब्ध नहीं है। इस जिंस के लिए भारी किल्लत है और रबर आधारित उद्योग अपने इन्वेंट्री और उत्पादन को बनाए रखने के लिए संकट की स्थिति से जूझ रहे हैं। उद्योग के सूत्रों का कहना है कि रबर के आयात की गुंजाइश बढ़ गई है क्योंकि इस अंतर ने शुल्क भुगतान के साथ आायत पर भी कीमत वृद्घि सुनिश्चित कर दी है।
भारी बारिश और हवाओं की वजह से पूरे राज्य के लगभग सभी बागानों में रबर निकालने का काम रुक गया है। यह स्थिति कोट्टïायम, पथनमथिट्टïा, इडुकी और कन्नूड़ जिलों में स्पष्टï रूप से देखी जा सकती है। सैंट मैरीज रबर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सनी जैकब ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि जून और जुलाई के बीच लैटेक्स उत्पादन में 50 फीसदी की गिरावट आई। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी के लिए पिछले 10 वर्षों में यह पहली बार है जब फैक्टरी लैटेक्स यानी रबर-क्षीर की किल्लत की वजह से अपनी पूरी क्षमता के साथ परिचालन नहीं कर रही है।
प्रमुख व्यापारी एवं कोचीन रबर मर्चेट्ïस एसोसिएशन (सीआरएमए) के पूर्व अध्यक्ष एन राधाकृष्णन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि 200 रुपये किलोग्राम की ऊंची कीमत पर भी रबर उपलब्ध नहीं है। भारी बारिश की वजह से रबर बागानों में नुकसान हुआ है, क्योंकि सैकड़ों पेड़ उखड़ गए हैं और रेन गार्ड खराब हो गए हैं। केरल को लगभग 22 साल के बाद इस तरह की भारी बारिश का सामना करना पड़ रहा है। रबर उत्पादकों का कहना है कि बागानों में काम करने के लिए श्रमिक सक्षम नहीं हैं, क्योंकि बारिश की वजह से जोखिम बढ़ गया है। (BS Hindi)
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