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15 जुलाई 2013
स्टॉकिस्टों की बिकवाली से चना एमएसपी से भी नीचे
बिजनेस भास्कर नई दिल्ली | Jul 15, 2013, 02:41AM IST
उम्मीद- अच्छे मानसून के चलते अगले सीजन में बेहतर बुवाई संभव
विदेशी सप्लाई
डॉलर की मजबूती के बावजूद आयातित चने के दाम गिरे
चने के आयात सौदे 515-520 डॉलर प्रति टन के भाव पर
मुंबई में भी आयातित चने का स्टॉक करीब 75,000-80,000 टन
घरेलू बाजार में गिरावट के कारण नए आयात सौदे सीमित मात्रा में
उत्पादक मंडियों में चने के दाम घटकर 2850-2950 रुपये प्रति क्विंटल
स्टॉकिस्टों की बिकवाली से उत्पादक मंडियों में चने के दाम घटकर 2,850-2,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन वर्ष 2012-13 के लिए चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 3,000 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। डॉलर की मजबूती के बावजूद आयातित चने की कीमतों में गिरावट बनी हुई है जबकि अच्छे मानसून को देखते हुए स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ी हुई है।
दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बताया कि रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती के बावजूद आयातित चने की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। आयातक मुंबई पहुंच चने के आयात सौदे नवंबर-दिसंबर डिलीवरी 515-520 डॉलर प्रति टन की दर से कर रहे हैं जबकि मुंबई में भी आयातित चने का करीब 75,000 से 80,000 टन का स्टॉक जमा है।
हालांकि घरेलू बाजार में चने की कीमतों में आई गिरावट के कारण आयातक नए आयात सौदे सीमित मात्रा में रहे हैं। ऐसे में घरेलू बाजार में चने की मौजूदा कीमतों में और ज्यादा गिरावट की संभावना तो नहीं है लेकिन तेजी आयेगी, ऐसी उम्मीद भी कम है।
अजय इंडस्ट्रीज के प्रबंधक सुनील अग्रवाल ने बताया कि अच्छे मानसून के कारण चने में स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ गई है। उत्पादक मंडियों में चने के भाव करीब 500 रुपये प्रति क्विंटल तक घट चुके हैं।
शनिवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में चने के भाव घटकर 2,850 से 2,975 रुपये प्रति क्विंटल रह गए जबकि दिल्ली में इसके भाव घटकर 3,050 से 3,075 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
हालांकि चने की नई फसल आने में अभी करीब आठ महीने का समय शेष है लेकिन उत्पादक मंडियों में चने का बकाया स्टॉक ज्यादा है। ऐसे में जुलाई-अगस्त में चने की कीमतों में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है।
एनसीडीईएक्स पर अगस्त महीने के वायदा अनुबंध में महीने भर में ही चने की कीमतों में 11.1 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। अगस्त महीने के वायदा अनुबंध में 15 जून को चने का भाव 3,355 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि शनिवार को इसका भाव घटकर 2,981 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
ब्रोकिंग फर्म इंडियाबुल्स कमोडिटी लिमिटेड के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च (कमोडिटी) बदरुद्दीन ने बताया कि खरीफ में मानसूनी वर्षा अच्छी होने की संभावना है जिससे रबी में चने की बुवाई को फायदा होगा। हालांकि वायदा बाजार में चने की कीमतें न्यूनतम स्तर पर आ चुकी हैं।
नीचे भाव में निवेशकों की मांग निकल की संभावना है जिससे भाव सुधर सकते हैं। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2012-13 में चने का उत्पादन 84.9 लाख टन होने का अनुमान है जो वर्ष 2011-12 के 77 लाख टन से ज्यादा है। (Business bhaskar....R S Rana)
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