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11 जून 2013
घरेलू आभूषण विनिर्माताओं पर पड़ेगी भारी चोट
सोने के आयात शुल्क में जल्दी-जल्दी बढ़ोतरी होने और डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर होने से देश के 2,50,000 करोड़ रुपये के घरेलू आभूषण उद्योग पर भारी चोट पडऩे की संभावना है। जनवरी 2012 के बाद सरकार ने सोने पर आयात शुल्क करीब 8 गुना बढ़ा दिया है। उस समय इस पर मूल्यानुसार 300 रुपये प्रति 10 ग्राम आयात शुल्क लगता था, जो अब बढ़कर 8 फीसदी हो गया है। इस दौरान रुपया करीब 10 फीसदी कमजोर हो चुका है। सोमवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 58.15 पर बंद हुआ, जो जनवरी, 2012 में 53.31 के स्तर पर था।
कम उपलब्धता के कारण पिछले दो महीनों में कच्चे हीरे की कीमतें 10 से 12 फीसदी बढ़ी हैं। उपलब्धता में कमी मुख्य रूप से दक्षिण अफ्रीका में खनन रुकने से आई है। इससे भी घरेलू हीरा जडि़त आभूषण कारोबार पर असर पड़ रहा है। हालांकि निर्यातकों पर इसका असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि आमतौर पर उनका 95 फीसदी कारोबार अपने आप सुरक्षित हो जाता है। उन्होंने कहा कि हालांकि घरेलू आभूषण विनिर्माताओं को वर्तमान आयात शुल्क दर और डॉलर के मुकाबले रुपये की दर पर खरीदारों को बेचने में दिक्कत आएगी।
रुपये में कमजोरी की वजह से भारत में सोने की कीमतें करीब 17 फीसदी उछल गई हैं। इससे आगामी सीजन में आभूषणों की बिक्री प्रभावित होगी। साथ ही, आभूषण विनिर्माता ग्राहकों से मेकिंग चार्ज के रूप में 10 फीसदी ज्यादा कीमत लेते हैं। अगर 3 फीसदी मूल्य संवर्धित कर (वैट) और स्थानीय करों को जोड़ते हैं तो ग्राहकों को सोने की वैश्विक कीमतों से करीब 30 फीसदी ज्यादा दाम चुकाने होंगे।
मुंबई की एक आभूषण विनिर्माता और निर्यातक श्रेनुज ऐंड कंपनी के चेयरमैन श्रेयस दोशी ने कहा, 'अतिरिक्त शुल्क और भारतीय रुपये में कमजोरी से घरेलू आभूषण विनिर्माताओं का कारोबार प्रभावित होगा।Ó आभूषण निर्यातकों के लिए सोने और हीरे जैसे कच्चे माल की लागत करीब 80-85 फीसदी होती है, जो उन्हें डॉलर कीमत में ही मिलता है। आभूषण निर्यात पर लगने वाले कर के रिफंड का दावा ड्युटी एंटाइटलमेंट पासबुक स्कीम (डीईपीबी) के तहत किया जाता है। इस तरह निर्यात होने वाले आभूषणों के लिए आयातित कच्चे माल पर चुकाया जाने वाला शुल्क रिफंडेबल होता है। चूंकि करीब 5 फीसदी मार्जिन की हेजिंग नहीं होती है, इसलिए आभूषण निर्यातकों की विदेशी बिक्री से आय रुपये में घटत-बढ़त के साथ बढ़ती-घटती है।
देश के सबसे बड़े ब्रांडेड आभूषण विनिर्माताओं और निर्यातकों में से एक गीतांजलि जेम्स के प्रबंध निदेशक मेहुल चोकसी ने कहा, 'इसलिए ज्यादा आमदनी के लिए हम ज्यादा निर्यात अनुबंध कर रहे हैं और आमदनी बढ़ा रहे हैं।Ó वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान डॉलर में कुल आभूषण निर्यात 9.42 फीसदी गिरकर 39 अरब डॉलर रहा है, जो इससे पिछले साल 43 अरब डॉलर था। हालांकि रुपये में गिरावट से रुझान मजबूत बना हुआ है।
वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान आभूषणों की खेप का निर्यात 3.18 फीसदी बढ़कर 2.12 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 2.06 लाख करोड़ रुपये था। सरकार का तर्क है कि आयात शुल्क बढ़ाकर 8 फीसदी करने से व्यक्तिगत ग्राहक वैकल्पिक परिसंपत्ति वर्ग में निवेश को हतोत्साहित होंगे। इससे देश में सोने का आयात कम होगा, जिससे अंतत: चालू खाते के घाटे (सीएडी) को नीचे लाने में मदद मिलेगी। आभूषण विनिर्माताओं का मानना है कि सोने की कीमतों पर दोतरफा असर से उनके कोराबार पर चोट पड़ेगी। सोने की कीमतें बाकी दुनिया से भारत में महंगी रहेंगी। इससे सोने की तस्करी को बढ़ावा मिलेगा। (BS Hindi)
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